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जेडीयू ने कहा कि महिला रिजर्वेशन बिल चुनावी जुमला, कोटे के अंदर कोटा होगा तो विरोध नहीं करेंगे

महिला आरक्षण विधेयक को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अलग ही रुख अपनाते हुए इसे चुनावी जुमला कहा है जेडीयू ने बोला कि यदि ‘कोटा के अंदर कोटा’ का आरक्षण होता तो हम इसका सपोर्ट करते पार्टी ने बोला कि इसका विरोध करने का कोई कारण नहीं है पार्टी ने इस बात पर बल देते हुए बोला कि वह राष्ट्रवार जाति जनगणना की मांग कर रही है

महिला आरक्षण विधेयक के बारे में बात करते हुए जेडीयो के रंजन उर्फ ​​ललन सिंह ने हिन्दुस्तान टाइम्स से वार्ता की उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रवार जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं, इसलिए यदि जनसंख्या का मुनासिब अगुवाई नहीं है तो आरक्षण का क्या मतलब है आरक्षण एक समुदाय का मामला उठाने के लिए किया जाता है ओबीसी, ईबीसी की तरह उनकी भी जनसंख्या है और इसीलिए हम जाति जनगणना के बारे में बल दे रहे हैं इसे (महिला आरक्षण विधेयक) अंतिम दिन लाने का क्या फायदा? तो फिर यह एक चुनावी जुमला है

2014 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान और 2019 में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान भी इस पर चुप रहने के लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, “नौ वर्ष से स्त्री आरक्षण विधेयक एक मामला था यदि बिल में कोटा के भीतर कोटा होगा तो हम समर्थन करेंगे

नीतीश कुमार की जेडीयू ने पहले इस बिल का विरोध किया था वर्ष 2010 में नीतीश ने इसका समर्थन किया जिसके बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष शरद यादव के साथ उनका मतभेद हो गया जेडीयू ने कांग्रेस पार्टी और कई अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर पीएम से इसे विशेष सत्र में पेश करने की मांग की थी

जहां कांग्रेस पार्टी और वामपंथी दल इस विधेयक का समर्थन करते हैं, वहीं लालू यादव की राजद और अखिलेश यादव की सपा जैसे प्रमुख घटक हमेशा से इसके मौजूदा स्वरूप का विरोध करते रहे हैं उन्होंने 33 फीसदी कोटे के भीतर पिछड़े वर्ग की स्त्रियों के लिए कोटा की मांग करते हुए विधेयक का जमकर विरोध किया है

महिला आरक्षण विधेयक बन सकता है इण्डिया गुट के लिए रोड़ा
2010 में जब राज्यसभा ने बिल पास किया तो इन विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में इसे रोक दिया इस बिल पर समाजवादी पार्टी और राजद ने सत्तारूढ़ यूपीए गवर्नमेंट से समर्थन भी वापस ले लिया सीट-बंटवारा पहले से ही इण्डिया गुट के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है, स्त्री आरक्षण बिल पर मतभेद 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता की और परीक्षा लेगा

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार को बोला कि स्त्री आरक्षण विधेयक ”हमारा ही” है आज संसद में प्रवेश करते समय जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह हमारा है, अपना है” 27 वर्ष पहले एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट द्वारा पेश किया गया यह विधेयक पांचवीं बार संसद में पेश किया जाएगा

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