झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कैलाश प्रसाद देव का हुआ निधन
जस्टिस कैलाश प्रसाद देव मूल रूप से झारखंड के देवघर जिले के करनीबाग मोहल्ले के रहने वाले थे। उनका जन्म 1 अगस्त 1967 में हुआ था। दिल्ली में लॉ की डिग्री लेने के बाद इन्होंने 1996 में देवघर सिविल न्यायालय में प्रैक्टिस प्रांरभ की। इसके बाद वे पटना उच्च न्यायालय चले गए। झारखंड उच्च न्यायालय बनने के बाद ये रांची आ गए। वह गवर्नमेंट के विभिन्न विभागों और CBI के अधिवक्ता रह चुके थे। जस्टिस देव को कई गौरतलब फैसलों के लिए जाना जाता रहा है। पिछले वर्ष उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में पहली बार एक मुकदमा की सुनवाई हिंदी में की थी और निर्णय भी हिंदी में सुनाया था।
जस्टिस कैलाश प्रसाद देव के आकस्मिक मृत्यु पर अधिवक्ता धीरज कुमार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए बोला कि वे अधिवक्ताओं के बीच से न्यायमूर्ति के पद पर चयनित हुए थे। अधिवक्ताओं के प्रति उनका प्रेम, स्नेह और सम्मान के साथ-साथ युवा अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने और सीखाने की जो जिज्ञासा थी ,उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनका असमय जाना सभी अधिवक्ताओं और बेंच के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसका निकट भविष्य में भरपाई कर पाना संभव नहीं होगा।
दोपहर बाद दी जाएगी आखिरी विदाई
जस्टिस कैलाश प्रसाद देव का पार्थिव शरीर उनके आवास पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया है। दोपहर 3 बजे उनका पार्थिव शरीर उनके आवास से झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में लाया जाएगा। जिसके बाद आखिरी यात्रा शाम चार बजे मुक्तिधाम के लिए उच्च न्यायालय से प्रस्थान करेगा। 4.15 बजे उन्हें उन्हें आखिरी विदाई दी जाएगी।