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किम और पुतिन ने संभावित शिखर वार्ता से पहले की मुलाकात

यूरोप न्यूज डेस्क !!! उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को सुदूर पूर्वी अमूर क्षेत्र में वोस्तोचन स्पेसपोर्ट पर दिन में संभावित शिखर वार्ता से पहले मुलाकात की रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने बोला कि पुतिन ने प्राइमोर्ये क्षेत्र से वोस्तोचन के लिए उड़ान भरी, जहां वह पूर्वी आर्थिक मंच में भाग लेने गये थे वहीं, किम ट्रेन से स्पेसपोर्ट के रेलवे स्टेशन पहुंचे इसके बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, शिखर सम्मेलन में किम और पुतिन के बीच चर्चा मुख्य रूप से व्यापार और आर्थिक संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित द्विपक्षीय योगदान पर केंद्रित होगी तास ने पेसकोव के हवाले से बोला कि वे क्षेत्र की स्थिति और सामान्य रूप से तरराष्ट्रीय मामलों के बारे में विचारों के व्यापक आदान-प्रदान में भी शामिल होंगे बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन के आधिकारिक टेलीग्राम हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में किम और पुतिन हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं, जिसके बाद उत्तर कोरियाई नेता कहते हैं, “अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान हमें आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद

अपनी ओर से पुतिन ने 2016 में लॉन्च किए गए वोस्तोचन अंतरिक्ष केंद्र के बारे में बताते हुये किम से कहा, “मुझे आपको देखकर खुशी हुई…यह हमारा नया कॉस्मोड्रोम है” रूसी टीवी ने एक रिपोर्ट में बोला कि पुतिन ने किम को स्पेसपोर्ट पर दिखाया प्राइमामीडिया ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता को अंगारा लॉन्च वीइकल की असेम्‍बली दिखाई जा रही है बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वह और पुतिन सोयुज-2 लॉन्च गाड़ी के लिए लॉन्च कॉम्प्लेक्स का भी निरीक्षण करेंगे, जिसके बाद वे वार्ता करेंगे

पत्रकारों के इस प्रश्न के उत्तर में कि क्या रूस उत्तर कोरिया को उपग्रह बनाने में सहायता करेगा, पुतिन ने कहा, “यही कारण है कि हम वोस्तोचन कोस्मोड्रोम आए हैं” योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों ने भविष्यवाणी की है कि उत्तर कोरिया यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को गोला-बारूद और हथियार की आपूर्ति करने पर सहमत हो सकता है बदले में, मास्को प्योंगयांग को हथियारों से संबंधित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर सहमत हो सकता है, जैसे कि जासूसी उपग्रह और परमाणु-संचालित पनडुब्बियां यदि किम और पुतिन चीन के साथ तीन-तरफ़ा नौसैनिक अभ्यास सहित अपने सेना योगदान को मजबूत करने पर भी सहमत होते हैं, तो यह कोरियाई प्रायद्वीप और उससे आगे एक बड़ी सुरक्षा चुनौती पैदा करेगा

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