आईये जानते है की चांद पर कैसा काम कर रहा है चंद्रयान-3
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 को लेकर हर कुछ घंटे में नई-नई जानकारियां दे रहा है। एक बार फिर से इसरो ने करोड़ों लोगों को अच्छी-खबर देते हुए कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन पूरी तरह ठीक काम कर रहा है। गौरतलब है कि बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने रोवर के साथ चांद के दक्षिणी छोर पर लैंड किया था। तब से अब तक विक्रम लैंडर से बाहर आया रोवर प्रज्ञान आठ मीटर की दूरी तय कर चुका है। अब शनिवार शाम को इसरो ने फिर से लेटेस्ट अपडेट दिया है।
इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ” चंद्रयान-3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का लक्ष्य पूरा हुआ। इसके अलावा, चंद्रमा पर रोवर के घूमना का काम भी सुचारू रूप से हुआ। इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन चल रहा है। सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं।” इससे पहले इसरो ने प्रज्ञान रोवर का वीडियो जारी करते हुए दिखाया था कि किस तरह चंद्रमा पर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है। वीडियो शेयर करते हुए इसरो ने कहा, ”प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के पास चंद्रमा के रहस्यों की खोज में घूम रहा है।” वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जैसे-जैसे रोवर आगे बढ़ रहा है, पीछे उसके पहियों के निशान बन रहे हैं। विक्रम लैंडर पर लगे कैमरों ने इसे कैद किया है। वीडियो में रोवर एक गड्ढा भी पार करते हुए दिख रहा है।
लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिवशक्ति’ पॉइंट होगा
वहीं, पीएम मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिवशक्ति’ पॉइंट रखा जाएगा और 23 अगस्त का दिन ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। शिखर वार्ता के बाद आज सुबह यूनान की राजधानी एथेंस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को शुभकामना देते हुए और उनसे वार्ता करते हुए यह घोषणा की। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर इतिहास रच दिया था और हिंदुस्तान ऐसा साहसिक कारनामा करने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र राष्ट्र बन गया। चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी को हिंदुस्तान के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक ”असाधारण क्षण” और अनंत अंतरिक्ष में हिंदुस्तान के वैज्ञानिक सामर्थ्य का ”शंखनाद” करार देते हुए मोदी भावुक हो गए।