अलीगढ़ के चर्चित जहरीली शराब कांड में दर्ज मुकदमों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की लगी टीम

अलीगढ़: अलीगढ़ के चर्चित जहरीली शराब काण्ड में दर्ज मुकदमों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम 20 मार्च को अलीगढ़ आ रही है। यह जांच शराब काण्ड के मुख्य आरोपियों में शामिल शराब माफिया सुधीर चौधरी के बेटे की कम्पलेन पर प्रारम्भ होने वाली है। मुद्दे में से आरोप है कि आरोपी के भाई ने सियासी षड्यंत्र के अनुसार झूठे मुकदमों में फंसाने का आरोप लगाया है।
आपको बता दें कि टीम के आने से पहले देर रात एसडीएम कोल और सीओ प्रथम की प्रतिनिधित्व में पहुंची पुलिस और प्रशासनिक टीम ने जेसीबी से उस जमीन से गैर कानूनी अतिक्रमण हटा दिया है जिसे को डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के अनुसार पुलिस प्रशासन ने बरामद किया गया था। बता दें कि इंस्पेक्टर को उस संपत्ति का नोडल अधिकारी बनाया था। इस संपत्ति पर कुछ माफियाओं द्वारा अतिक्रमण कर लिया था।
तकरीबन 104 से अधिक लोगों की जहरीली शराब से हुई थी मौत
जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ में 28 मई 2021 को गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से लोगों की मृत्यु होने का सिलसिला प्रारम्भ हुआ था। ये सिलसिला जिले के भिन्न-भिन्न क्षेत्र के कई गांव तक फैल गया था। तकरीबन 104 से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मृत्यु हुई थी। पुलिस ने इस जहरीली शराब काण्ड में जिले के बड़े शराब माफिया अनिल-सुधीर चौधरी, ऋषि, मुनि सहित कई अन्य लोगों के विरूद्ध केस दर्ज किया था। साथ ही इन लोगों की संपत्ति भी बरामद की गई थी।
करोड़ों की बेशकीमती संपत्ति जप्त
दरअसल, अनिल सुधीर की रोरावर थाना क्षेत्र के अलहदादपुर नीवरी क्षेत्र में भी करोड़ों रुपए की बेशकीमती संपत्ति जप्त की गई थी। इस संपत्ति का डीएम ने इंस्पेक्टर खैर को नोडल अधिकारी बनाया था। इस संपत्ति पर किसी के द्वारा अतिक्रमण करने की कम्पलेन इन दोनों आरोपियों के परिवार के द्वारा लगातार प्रशासन को दी गई थी। जांच में भी पाया गया था कि उस संपत्ति पर किसी दबंग द्वारा अतिक्रमण किया गया है। अब क्योंकि मानव अधिकार आयोग की टीम जांच करने के लिए आ रही है, उससे पहले ही देर रात पुलिस और प्रशासनिक टीम ने गैर कानूनी कब्जे को हटा दिया है।
मामले में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने दी जानकारी
इस मुद्दे में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अमित भट्ट ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रोरावर थाने मे गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के अनुसार एक संपत्ति को कुर्क किया गया था। आज संज्ञान में आया कि उस संपत्ति पर किसी के द्वारा अनाधिकृत निर्माण किया गया है। वहीं, एसएचओ खैर उसके रिसीवर थे। पुलिस विभाग द्वारा निवेदन किया गया कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गैर कानूनी निर्माण हटा दिया जाए। आज उस गैर कानूनी निर्माण को हटा दिया गया। साथ ही पूरे प्रकरण में जांच कराई जा रही है।