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पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस पर छिड़ा सीबीआई के समन पर राजनीतिक घमासान

पश्चिम बंगाल न्यूज़ डेस्क !!! पश्चिम बंगाल में नगरपालिका भर्ती घोटाले के सिलसिले में 31 अगस्त को अग्निशमन सेवा मंत्री सुजीत बोस को CBI के समन पर सियासी घमासान छिड़ गया हैहालांकि गुरुवार दोपहर तक रिपोर्ट दाखिल होने तक बोस स्वयं इस मुद्दे में किसी भी टिप्पणी के लिए मौजूद नहीं थे, लेकिन तृणमूल कांग्रेस पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने मंत्री के समर्थन में आवाज उठाई हैमजूमदार ने कहा, “भाजपा और केंद्र गवर्नमेंट के लिए विपक्षी दलों के विरुद्ध केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करना एक नियमित अभ्यास रहा है

मुझे परफेक्ट कारण की जानकारी नहीं है कि राज्य अग्निशमन सेवा मंत्री को क्यों बुलाया गया है मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि वह पूछताछ का सामना करने के लिए CBI कार्यालय जाएंगे या नहीं लेकिन यह साफ है कि केंद्रीय एजेंसियों का हालिया अभियान तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध एक कहानी बनाने के लिए बीजेपी की एक चाल है”पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य के मुताबिक, कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद CBI जांच कर रही है उन्‍होंने कहा, “बेशक राज्य गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर केंद्रीय एजेंसी की जांच को रोकने की प्रयास की, जो अंततः विफल रही

सीबीआई को कुछ ठोस कारण जरूर मिले हैं, इससे उन्हें लगता है कि मंत्री से पूछताछ की जानी चाहिए भट्टाचार्य ने कहा, यह इल्जाम लगाने का कोई मतलब नहीं है कि कार्रवाई किसी सियासी प्रतिशोध का रिज़ल्ट है”बोस को दम दम (दक्षिण) नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) में भर्ती प्रक्रिया में उनकी किरदार पर पूछताछ करने के लिए CBI ऑफिसरों ने बुलाया थाप्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिसरों को पश्चिम बंगाल में निजी रियल एस्टेट प्रमोटर और विद्यालय में जॉब के लिए नकद मुद्दे के आरोपी अयान सिल के आवास पर छापेमारी

और तलाशी अभियान के दौरान पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगर पालिकाओं में भर्ती अनियमितताओं के डॉक्यूमेंट्स तक पहुंच मिलीजांच ऑफिसरों ने इसकी जानकारी कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की पीठ को दी, जिन्होंने 21 अप्रैल, 2023 को CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियों को मुद्दे की जांच करने का निर्देश दियाबाद में, उसी आदेश को पहले कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने और उसके बाद राष्ट्र की शीर्ष न्यायालय ने बरकरार रखा

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