12, तुगलक लेन से हुआ राहुल गांधी का मोहभंग! कमेटी को नहीं दिया जवाब
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने पुराने बंगले यानी 12, तुगलक लेन में लौटेंगे या नहीं? इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। इसी बीच बुधवार लोकसभा की हाउसिंग कमेटी को भी इस संबंध में राहुल की तरफ से उत्तर दिए जाने की 15 दिनों की मियाद समाप्त हो गई है। फिलहाल, वायनाड सांसद ने आधिकारिक तौर पर बंगले में वापसी को लेकर कुछ नहीं बोला है।
सांसदी बहाल होने के बाद राहुल को बंगला दोबारा आवंटित कराने के लिए लोकसभा हाउसिंग कमेटी को 15 दिनों के भीतर उत्तर देना था। बुधवार को यह समय सीमा समाप्त हो चुकी है। अब एक मीडिया रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से बोला जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी नेता ने आवंटन को पूरी तरह से अस्वीकार नहीं किया है।
साथ ही पार्टी सूत्रों ने इन संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया है कि राहुल बंगले में न लौटें। दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी वजह उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई का तरीका कहा जा रहा है, जिसके अनुसार उनकी लोकसभा की सदस्यता गई और साथ ही उन्होंने बंगला खाली करने के लिए बोला गया। खास बात है कि राहुल इस बंगले में वर्ष 2005 से रह रहे थे।
छोटे बंगले में शिफ्ट होंगे राहुल
फिलहाल, राहुल लद्दाख की यात्रा पर हैं। बोला जा रहा है कांग्रेस पार्टी नेता अपने नए बंगले के तौर पर छोटी स्थान की भी तलाश कर रहे हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह सफदरजंग लेन, 7 बंगले में भी शिफ्ट हो सकते हैं। हालांकि, अब तक पार्टी की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोला गया है।
क्या था मामला
साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली में राहुल ने ‘मोदी’ सरनेम को लेकर टिप्पणी कर दी थी, जिसके बाद बीजेपी के नेता पूर्णेश मोदी ने उनके विरुद्ध आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया था। 2023 में सूरत की एक न्यायालय ने राहुल को इस मुद्दे में गुनेहगार माना था। बाद में गुजरात उच्च न्यायालय की तरफ से भी दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी।