बिहार : स्कूलों में अब रक्षाबंधन की छुट्टी 31 अगस्त को,जाने किस समय बांध सकते हैं राखी…
Rakashabandhan Date and Time In Bihar: रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा, इसे लेकर लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। ऐसा बोला जा रहा है कि 30 और 31 अगस्त दोनों दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जायेगा। बिहार में भी रक्षा बंधन के समय और देत को लेकर लोगों में संशय है। विद्यालयों में राखी की छुट्टी 30 अगस्त या फिर 31 अगस्त को होगी। इसे लेकर भी लोग कन्फ्यूज हैं। हम आज हम आपकी इन्हीं दुविधाओं को दूर करने की प्रयास कर रहे हैं।
स्कूलों में अब रक्षाबंधन की छुट्टी 31 अगस्त को
दरअसल, बिहार गवर्नमेंट द्वारा प्रदेश के राजकीय / राजकीयकृत/ परियोजना /उत्क्रमित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रक्षाबंधन की छुट्टी 31 अगस्त को घोषित की गयी है। इससे पहले सरकारी कैलेंडर में रक्षाबंधन का अवकाश 30 अगस्त को घोषित किया गया था, जिसे अब परिवर्तित कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस संदर्भ में महत्वपूर्ण आदेश सोमवार को जारी कर दिया है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद के निवेदन पर ऐसा किया गया है। ऐसे में बच्चों को अब बुधवार को विद्यालय जाना होगा। उनकी राखी की छुट्टी 31 अगस्त को होगी।
राखी 30 या 31 अगस्त को ?
जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ मिश्रा कहते हैं कि रक्षाबंधन का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि और अपराह्र काल में मनाना शुभ होता है, लेकिन रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल नहीं होना चाहिए। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहे तो भाई की कलाई में राखी नहीं बांधना चाहिए। सावन की पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक राखी बंधवाना शुभ है। पंचांग के मुताबिक इस बार 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ भद्राकाल प्रारम्भ हो जायेगी। 30 अगस्त को भद्रा रात 09 बजकर 02 मिनट तक रहेगी।
किस समय बांध सकते हैं राखी
कुपेश्वरनाथ मंदिर के महंत विजयानंद शास्त्री कहते हैं कि रात के समय राखी बांधना शुभ नहीं होता है। पंचांग के मुताबिक 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा की तिथि 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी और इस दौरान भद्रा का साया नहीं रहेगा। इस कारण 31 अगस्त को सुबह-सुबह राखी बांधना शुभ होगा। राखी बांधने के लिए श्रावण पूर्णिमा तिथि में दोपहर का समय सबसे शुभ समय होता है, लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन के त्योहार की श्रावण पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त से लग रही है और पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा। 30 अगस्त को दिन के समय रक्षाबंधन का मुहूर्त नहीं रहेगा। 30 अगस्त को भद्रा रात 09 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 30 अगस्त को रात 09 बजकर 02 मिनट के बाद राखी बांधी जा सकती है।
रक्षाबंधन का विधि-विधान
रक्षाबंधन में प्रातः काल स्नान करके कच्चे धागे का रक्षा सूत्र तैयार करते हैं। उसका वकायदा पूजन कर स्वस्तिवाचन करना चाहिए। बहन अपने भाई की रक्षा की कामना ईश्वर से करती है, ताकि भाई सुरक्षित होकर संकट की घड़ी में उसकी रक्षा करें। इसके बाद रक्षाबंधन का विधान शुभ मुहूर्त प्रारम्भ होता है। देवी-देवता को रक्षा सूत्र चढ़ाने के बाद ही रक्षाबंधन होता है।
सोने- चांदी की राखियों की भी बढ़ रही है मांग, एक से एक डिजाइन
पटना के कमदकुआं स्थित चूड़ी बाजार थोक के सामान के लिए प्रसिद्ध है। बाजार में 10 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक की राखियां हैं। कारोबारियों की मानें से पटना और आसपास के क्षेत्र में राखियों का कारोबार 20 से 25 करोड़ रुपये का होता है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार राखियों की मूल्य में दस से 15 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हुआ है। ज्वेलरी बाजार में सोने और चांदी से बनी राखियों की डिमांड भी काफी है। लोग चांदी की राखियां खरीदने के लिए अधिक रुख कर रहे हैं, क्योंकि चांदी की राखियां हर आदमी के बजट में फिट होती है। मार्केंट में मोती, स्टोन, चेन, डोरेमोन और छोटा भीम की राखियों की मांग है। कार्टून वाली राखी बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनी है।
सोने-चांदी की राखियां
चांदी की राखियां 700 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक मौजूद हैं। गोल्डन राखियों की रेंज भी तीन हजार से प्रारम्भ होती है। तनिष्क ने भी राखी के मौके पर सोने में तीन दर्जन से अधिक डिजाइन में बाजार में पेश किया है। तनिष्क फ्रेजर रोड के महाप्रबंधक उमेश टेकरीवाल ने कहा कि रुद्राक्ष वाली राखी 65 हजार से 75 हजार रुपये के रेंज में मौजूद है। वहीं प्लेन गोल्ड वाली राखियां 30 हजार रुपये से लेकर 1. 50 लाख रुपये में मौजूद हैं।
भूषण भवन के प्रमुख शशि कुमार ने कहा कि खास कारीगरों द्वारा सोने-चांदी की राखियों पर विशेष नक्काशी भी करायी गयी है। इन राखियों का खरीदार वर्ग अलग है। सोने की राखी का दर वजन के हिसाब से तय किया गया है। 700, 800, 1000 और 1500 रुपये की भिन्न-भिन्न रेंज की चांदी की राखियां उपस्थित हैं। भाइयों के साथ-साथ भाभियों के लिए भी बहुत खास ढंग से राखी को डिजाइन किया गया है। ऐसे में ही एक पेंडल राखी भाभी के लिए भी है।
चंद्रयान राखी की है मांग, लेकिन नहीं आया है इसका स्टॉक
राखी बेचने वाले दुकानदारों में से एक अभिषेक कुमार ने कहा कि पहले यहां कोलकाता, मेरठ, दिल्ली, राजकोट, राजस्थान और अन्य कई शहरों से राखियां आती है। दिल्ली में बनी जरकिन और मेटल की राखियों की डिमांड अधिक है। वहीं, रुद्राक्ष राखी का रंग भी अलग है। राखी व्यवसायी राकेश अग्रवाल ने बताते हैं कि इस समय बाजार में राखियों का नया स्टॉक आया है, लेकिन कई लोग चंद्रयान की राखी मांग रहे हैं, लेकिन बाजार में अभी इसका स्टॉक नहीं आया है। बाजार में बच्चों के लिए उपहार युक्त टेडीबीयर और चाकलेट लगी राखियां भी विशेष डिजाइन में आयी हैं, जो बहनों को आकर्षित कर रही हैं।