राजस्थान: मूंडरू में सड़क निर्माण को लेकर दो गुटों में बंटे ग्रामीण, जानें पूरा मामला
राजस्थान के नीमकाथाना जिले के श्रीमाधोपुर थाना क्षेत्र के मूंड़रु में सड़क बनने से पहले टकराव हो गया। टकराव भी ऐसा कि ग्रामीणों के दो गुट बन गए। एक गुट की मांग है कि जिन लोगों के मकानों और दुकानों पर कब्ज़ा चिन्हित कर निशान लगाए गए उन्हें तोड़े बिना सड़क बनाई जाए।
वहीं दूसरा गुट यह चाहता है कि जब तक कब्ज़ा हटाने की कार्यवाही नहीं होगी तब तक सड़क बनाने नहीं दी जायेगी। मामलें की जानकारी के मुताबिक सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से बन रही सड़क के दोनों ओर चिन्हित किए गए कब्ज़ा को हटाने के पक्ष में अब ग्रामीणों का दूसरा दल लामबंद हो गया।
ग्रामीणों ने बोला जब तक गांव के मुख्य रास्तों से कब्ज़ा नहीं हटाया जाता तब तक सड़क का निर्माण नहीं होने देंगे। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने तेजाजी मंदिर के पास बैठक की। इसमें कब्ज़ा तोड़े जाने को लेकर चर्चा की। बैठक में ग्रामीणों ने बोला कि गांव में सड़क सीमा में लोगों ने मकान और दुकानें बना रखी है। इसके चलते आए दिन गांव में जाम लगता है।
बड़े गाड़ी गांव के मुख्य मार्गों से नहीं निकल पाते। गांव के प्राचीन श्याम बाबा मंदिर में वर्ष भर श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। जिससे गांव में आवागमन अधिक बना रहता है। मूंडरू जयपुर और सीकर को जोड़ने वाला गांव है,जहां से प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ी जयपुर जाते है। बस स्टैंड से लेकर गणगौरी चौक तक वर्तमान सड़क की चौड़ाई दस से 15 फीट की है, जिससे राज्य राजमार्ग 37 सी अत्यधिक संकरा है।घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है।
ग्रामीणों ने सरपंच सुमित्रा देवी, जिला कलक्टर और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा को पत्र लिखा है और मांग की है कि गांव के मुख्य मार्ग से कब्ज़ा हटाया जाए। राज्य राजमार्ग 37 सी जो बस स्टैंड मूंडरू से खेजरोली को जाता है। इस सड़क मार्ग पर सार्वजनिक निर्माण विभाग डामरीकृत सड़क बना रहा है,जिसमें बस स्टैंड से गणगौरी चौक तक सीसी सड़क बनाई जा रही है, जिसकी चौड़ाई दस मीटर प्रस्तावित है।
विभाग ने बस स्टैंड से गणगौरी चौक तक ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कब्ज़ा चिन्हित कर मकानों और दुकानों पर निशान लगाए है।जिन लोगों के मकानों और दुकानों पर कब्ज़ा चिन्हित कर निशान लगाए गए उन्होंने पहले बैठक आयोजित कर रविवार को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के आवास पर पहुंचकर कब्ज़ा नहीं तोड़े जाने की गुहार लगाई थी।
मंत्री से आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों के दूसरे पक्ष ने कब्ज़ा हटाने की मांग की है। मामलें में ग्रामीणों के पहले गुट ने सरपंच पर सियासी द्वैषता का इल्जाम लगाते हुए दुर्भावना पूर्ण कार्यवाही करने का इल्जाम लगया तो वहीं ग्रामीणों के दूसरे गुट ने सरपंच काओ कब्ज़ा हटाकर सड़क बनवाने की मांग की है।
कहा कि यदि कब्ज़ा हटाए बगैर सड़क का निर्माण होगा तो वें किसी भी हालत में निर्माण नहीं होने देगें। इधर मामलें में सरपंच सरपंच सुमित्रा देवी का बोलना कि ग्रामीणों ने गांव के मुख्य रास्तों से कब्ज़ा हटाए जाने को लेकर ज्ञापन दिया है।प्रस्तावित सड़क के नाप के मुताबिक सड़क बनाए जाने की मांग की है।