‘काम दो, वेतन दो…’ का नारा,एचइसी कर्मियों ने बकाया वेतन भुगतान की मांग
रांची : करीब 19 महीने का वेतन बकाया होने से एचइसी कर्मियों के सब्र का बांध बुधवार को टूट गया। एचइसी कर्मियों ने बकाया वेतन भुगतान की मांग करते हुए निदेशक (वित्त) राजेश कुमार द्विवेदी और निदेशक (उत्पादन) एसडी सिंह का घेराव कर दिया, जिससे अधिकारी करीब नौ घंटे तक अपने कार्यालय में ही बंधक बने रहे। शाम के समय ऑफिसरों ने सीआइएसएफ की सुरक्षा में बाहर निकलने की प्रयास की, तो कर्मियों ने विरोध प्रारम्भ कर दिया। इस पर सीआइएसएफ के जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें एचइसी के तीन कर्मी- रमेश पांडेय, जलेश्वर ठाकुर और चिराग बारला गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। वहीं, इधर-उधर भागने में करीब दर्जन भर कर्मचारी चोटिल भी हुए हैं। जानकारी के अनुसार, एचइसी कर्मी बुधवार सुबह 10:30 बजे मुख्यालय पहुंचे और निदेशक (वित्त) राजेश कुमार द्विवेदी से मिलने का समय मांगा। लेकिन, उन्होंने यह कहते हुए मिलने से इंकार कर दिया कि वे मीटिंग में है।
इसके बाद कर्मी उनके कार्यालय में घुस गये। कर्मियों को आते देख निदेशक मुख्यालय से पैदल ही बाहर निकल गये और एचएमबीपी पहुंच गये। यहां वे निदेशक (उत्पादन) एसडी सिंह के चेंबर में चले गये। कर्मी भी उनके पीछे-पीछे एचएमबीपी पहुंच गये और कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गये। कर्मियों का बोलना था कि निदेशकों को भेल से वेतन मिलता है, जबकि 19 महीने का वेतन बकाया होने के कारण कर्मी अपने परिवार का भरण-पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं। कर्मी ‘काम दो, वेतन दो…’ का नारा लगा रहे थे। वहीं, कर्मियों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रबंधन ने सीआइएसएफ को इसकी जानकारी दी।
साथ ही धुर्वा थाना को भी सूचित किया। कर्मियों ने शाम 6:30 बजे निदेशक (वित्त) के साथ वार्ता की, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि वेतन का भुगतान कब होगा। ऐसे में कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहा। शाम 7:30 बजे दोनों निदेशक सीआइएसएफ के सुरक्षा घेरे में एचएमबीपी से बाहर निकलने लगे। इसे देखकर कर्मियों ने विरोध प्रारम्भ कर दिया। इस पर सीआइएसएफ के जवानों ने कर्मियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। प्रदर्शन में मजदूर संगठनों से रामकुमार नायक, भवन सिंह, कृष्ण मोहन सिंह, दिलीप सिंह सहित अन्य नेता शामिल थे। इधर, मजदूर संगठनों ने इस घटना की आलोचना करते हुए निदेशकों पर तानाशाही रवैया अपनाने का इल्जाम लगाया है।
एचइसी कर्मी वेतन भुगतान को लेकर निदेशक (वित्त) से वार्ता करना चाहते थे़ निदेशक बिना वार्ता के ही अपने कार्यालय से बाहर जाने लगे़, तो कर्मियों ने विरोध किया। इस पर सीआइएसएफ ने कर्मियों पर लाठीचार्ज कर दिया। बर्बरतापूर्वक इस कार्रवाई से आनेवाले दिनों में औद्योगिक अशांति फैलेगी, जिसके लिए एचइसी प्रबंधन उत्तरदायी होगा। इस कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को बंद रखा जायेगा। कर्मियों को प्लांट में जाने से रोका जायेगा।