स्टेडिया इन्फ्रा ग्रुप ने उड़ाईं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नियमों की जमकर धज्जियां
गुरुग्राम। ग्राहकों के साथ कई तरह के फर्जीवाड़े में फंसी स्टेडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा। लि। ग्रुप के कर्ताधर्ता प्रदीप सेठ, शालिनी सेठ, अक्षय सेठ, अतुल मेहरा और रमणीक बाबा के एक के बाद एक फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। दरअसल, ग्राम मेहंदवास स्थित जिस काउंटी होम प्रोजेक्ट को लेकर अनेक टकराव सामने आ रहे हैं, पता चला है कि उसकी नींव ही फर्जीवाड़े पर रखी गई है। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं।
खासखबर डॉट कॉम पहले भी इनके फर्जीवाड़ों का खुलासा करता रहा है। अब एक नया मुद्दा सामने आया है।
दरअसल, इन लोगों ने षड्यंत्र कर पहले तो कंट्रोल बेल्ट सीमा को लाल डोरा क्षेत्र बताकर मेहंदवास ग्राम पंचायत से नक्शा पास करवा लिया। यह नक्शा भूमि मालिक धर्मचंद के नाम से स्वयं का मकान बनाना बताकर पास कराया गया। लेकिन, वहां निजी मकान के बजाय 24 फ्लैट खड़े कर दिए गए।
इसके बाद प्रदीप सेठ ने फर्जीवाड़ा के इस चक्रव्यूह में अपने भांजे विशाल कुमार को शामिल करके अप्रूव्ड योजना के नाम से ग्राहकों को फ्लैट बेच डाले। फ्लैट बेचने के बाद प्रदीप सेठ ग्राहकों से 90 फीसदी पैसा लेकर फ्लैट बनाने वाले ठेकेदार को नकद पैसा देने के बजाय फ्लैट अथवा मकान बेचने का अधिकार दे दिया। इससे काउंटी होम प्रोजेक्ट विवादों में आ गया। ग्राहक स्वयं को ठगा सा महसूस करने लगे।
खास बात यह है कि इस फर्जीवाड़े में प्रदीप सेठ के साथ उसकी पत्नी शालिनी सेठ, बेटा अक्षय सेठ, सम्बन्धी अतुल मेहरा और रमणीक बाबा सब शामिल हैं। इन्होंने इसके लिए स्टांप पेपर पर लिखा-पढ़ी भी की है।
पुलिस मुकदमा होने लगे तो कंपनी का मालिकाना अधिकार बदलाः
सूत्रों के अनुसार जब प्रदीप सेठ पर पुलिस मुकदमा होने लगे तो उसने पूरी बिल्डिंग का मालिकाना अधिकार कंपनी नियमों में 1 मई, 2023 और 26 जुलाई। 2023 को अजीत और भारती को दिलवा दिया। जिनका डिन नंबर 10123475 और 10123479 हैं।
काउंटी होम में रहने वाले लोगों के अनुसार यहां से गुंडागर्दी का दौर प्रारम्भ हो गया।
अजीत गुंडो के दम बॉडी बिल्डर ग्रुप का मालिक होने के नाते स्टेडिया इन्फ्रा ग्रुप के काउंटी होम के फ्लैटों में ताले तोड़कर घुसने और कब्जा करने लगा। इसके लिए उसे कई बार वहां रहने वाली स्त्रियों का विरोध भी सहन करना पड़ा। उसके विरुद्ध कई एफआईआर भी दर्ज हुई हैं। इनमें एफआईआर संख्या 250 तारीख 26 जून, 2023 धारा 323, 34, 354ए, 354-0, 506, एफआईआर संख्या 252 तारीख 28 जून, 2023 धारा 147, 149, 323, 379, 427, 506 शामिल हैं। अजीत पर स्त्रियों से हाथापाई और अश्लील हरकत करने के भी इल्जाम हैं। इनमें उसे सजा हो सकती है।
इधर, प्रदीप सेठ अजीत और भारती से भी ठगी करके अच्छे खासे पैसे ऐंठ लेता है। क्योंकि वह मंझा हुआ शातिर ठग है। उसके विरुद्ध करनाल, जोधपुर और पंजाब में फर्जीवाड़ा के कई मुकदमा चल रहे हैं।
रेरा भी सख्त, जयपुर की स्त्री को 2 करोड़ रुपए देगा प्रदीप सेठः
इधर, फ्लैट होल्डरों से ठगी को लेकर हरियाणा रेरा भी कठोर हो गया है। जयपुर की एक स्त्री से प्रदीप सेठ औऱ उसके साथियों द्वारा की गई ठगी के मुद्दे की 2 वर्ष तक सुनवाई और जांच के बाद माना कि स्टेडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा। लि। का सेक्टर 65 स्थित काउंटी होम प्रोजेक्ट पूरा ही फर्जी है। इस प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट ही नहीं लिया गया है। इसके अभाव में कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलना असंभव है। इसका मूल कारण है कि यह जमीन डेवलपमेंट प्लान में कंट्रोल बेल्ट के सुविधा क्षेत्र में है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट कभी भी इस बिल्डिंग को तोड़ सकता है।
इस बीच रेरा हरियाणा ने प्रदीप सेठ को सुनने के बाद 29 अगस्त, 2023 को सुनाए निर्णय में जयपुर की स्त्री को उसकी मूल धनराशि 1.01 करोड़ रुपए और ब्याज सहित कुल 1.95 करोड़ रुपए देने के आदेश दिए हैं। बता दें कि जयपुर की स्त्री ने इन सभी निदेशकों के विरुद्ध धोखाधड़ी, फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाने, तथ्य छिपाकर फ्लैट बेचने और झूठा नक्शा बनाकर उसे सरकारी संस्था से अप्रूव्ड कराने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई हुई है। इसकी जांच इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग गुरुग्राम कर रही है।