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बर्दवान यूनिवर्सिटी में 3 करोड़ 24 लाख रुपये की भुगतान निजी कंपनी को करने से मचा हंगामा

पश्चिम बंगाल के बर्दवान यूनिवर्सिटी में निजी कंपनी को भुगतान किये जाने की घटना को लेकर बवाल मचा हुआ है यूनिवर्सिटी सूत्रों के अनुसार कुल तीन करोड़ 24 लाख रुपये का भुगतान निजी कंपनी को किया गया है सूत्रों के अनुसार नये कुलपति कुछ महीने पहले ही बर्दवान यूनिवर्सिटी में शामिल हुए हैं लेकिन इल्जाम है कि इसके पूर्व ही कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाई गई और इस भारी भरकम बिल को पास कर दिया गया मालूम हो कि यूनिवर्सिटी की ओर से विद्यार्थियों के मार्कशीट कार्ड, एडमिट कार्ड, परिणाम से संबंधित विभिन्न मामलों की देखभाल के लिए बर्दवान विश्व विद्यालय द्वारा एक निजी संस्था को जिम्मेदारी दी गयी थी

कंपनी पर ठीक से काम न करने का यूनिवर्सिटी ने लगाया आरोप

हालांकि, इतने बड़े कॉन्ट्रैक्ट के बाद भी कंपनी पर ठीक से काम न करने का इल्जाम यूनिवर्सिटी ने लगाया है इसलिए उक्त निजी कंपनी का पैसा यूनिवर्सिटी ने रोक लिया था, बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा था लेकिन कुछ दिन पहले यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई गयी इल्जाम है कि बैठक में दावा किया गया कि आचार्य और गवर्नर ने स्वयं इस बिल के निपटान करने की अनुमति दी है इसके बाद बैठक में कुल तीन करोड़ 24 लाख रुपये के बिल के सेटलमेंट को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गयी इल्जाम है कि यूनिवर्सिटी के पास आचार्य द्वारा भुगतान की स्वीकृति की मामले में कोई डॉक्यूमेंट्स नहीं है

छात्रों और प्रोफेसरों के एक समूह ने वित्तीय करप्शन का लगाया आरोप

इस घटना के सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और प्रोफेसरों के एक समूह ने वित्तीय करप्शन के इल्जाम लगाये हैं हालांकि इस घटना के बारे में पूर्व कुलपति विश्वजीत घोष का दावा है कि विद्यार्थियों के परीक्षा रिज़ल्ट प्रकाशित करने के लिए संगठन के साथ जो समझौता हुआ था, वह पैसा देना उनका कर्तव्य है उन्होंने है वे ठीक नहीं हैंकहा कि यदि पैसा नहीं दिया गया तो विद्यार्थियों के लिए कठिनाई हो जायेगी हालांकि, मौजूदा कुलपति गौतम चंद्रा ने बोला कि उन्हें घटना के बारे में कुछ पता नही है वे मुद्दे की जांच करेंगे

छात्र नेता ने पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी के खिलाफ लगाये  आरोप

एसएफआइ के जिला सचिव अनिर्वाण राय चौधरी का इल्जाम है कि सिर्फ़ साढ़े तीन करोड़ रुपये ही नहीं, बल्कि लगभग 21 करोड़ रुपयों का हिसाब नहीं मिल रहा है जिस निजी कंपनी ने परफेक्ट कार्य नहीं किया उसे किस तरह से साढ़े तीन करोड़ रुपये का भुगतान किया गया विद्यार्थी नेता ने पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी के विरुद्ध इल्जाम लगाये हैं बर्दवान यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संगठन के महासचिव श्यामा प्रसाद बनर्जी ने बोला कि उक्त निजी संस्था के साथ बर्दवान यूनिवर्सिटी का समझौता है समझौते के अनुसार ही यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और फाइनेंस विभाग ने बकाया रुपया उसे सौंपा है इसमें क्या गलत है ? मुझे लगता है कि जो लोग यह इल्जाम लगा रहे वे ठीक नहीं है

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