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ये है ‘देवताओं का पर्वत’, खड़े हैं बड़ी-बड़ी मूर्तियों के सिर, जानें कब का है इस पर्वत का इतिहास

तुर्की का नेम्रुत पर्वत (Nemrut Mountain) एक जरूरी आर्कियोलॉजिकल साइट है, जो प्राचीन कॉमाजीन साम्राज्य (Commagene Kingdom) के स्मारक और मंदिर का जगह है यह अपनी सुन्दर मूर्तियों के लिए फेमस है, जिनमें से कई मूर्तियां देवताओं की भी हैं, इसलिए इसको ‘देवताओं का पर्वत’ बोलना गलत नहीं होगा इस पर्वत का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आप इस स्थान का नजारा देखकर दंग रह जाएंगे 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर @gunsnrosesgirl3 नाम की यूजर इस वीडियो को शेयर किया है, जिसमें आप देख सकते हैं पहाड़ पर किस तरह की मूर्तियां के सिर खड़े हुए हैं यह स्थान आधुनिक शहर अद्य्यमन (Adıyaman) के पास स्थित है विशेष एतिहासिक महत्व वाले इस पर्वत (Mount Nemrut History) का इतिहास जानकर आप दंग रह जाएंगे  

कब का है इस पर्वत का इतिहास

माउंट नेम्रुट का इतिहास पहली शताब्दी ईसा पूर्व का है इस अवधि के दौरान, कॉमाजीन साम्राज्य (Kingdom of Commagene) ने यूफ्रेट्स नदी (Euphrates River) के पूर्वी तट पर शासन किया यह काफी पावरफुल साम्राज्य था, जिसकी संस्कृति पर हेलेनिस्टिक और फारसी संस्कृति की झलक दिखती है

राजा ने पर्वत पर बनाया था मकबरा 

कॉमेजीन के राजा एंटिओकस प्रथम (King Antiochus I) (69-34 ईसा पूर्व) ने अपने राज्य की ताकत और पैसा दिखाने के लिए नेम्रुत पर्वत के शिखर पर एक मकबरा बनवाया था, जो देवताओं और उनके पूर्वजों को समर्पित था कभी इस मकबरे में तीन छतें हुआ करती थी, जिनमें कई बड़ी-बड़ी मूर्तियां लगाई गई थीं किसी समय इन मूर्तियों के सिर उनके शरीर से हटा दिए गए थे, और अब वे पूरे स्थल पर बिखरे हुए हैं, जिन्हें आप वीडियो में भी देख सकते हैं 

मकबरे की पूर्वी छत को पवित्र केंद्र माना जाता था, जहां जरूरी मूर्तियों और अवशेषों के खंड देखे जाते हैं मूर्तियों की बनावट पर हेलेनिस्टिक और फ़ारसी कला का असर दिखता है, क्योंकि इन मूर्तियों के चेहरे ग्रीक कला जबकि उनके कपड़ों और उपकरण फारसी कला की विशेषताओं को दर्शातें हैं नेम्रुत पर्वत राजा एंटिओकस प्रथम के देवताओं और पूर्वजों की विशाल मूर्तियों का घर है इस पर्वत के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए वर्ष 1987 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरीटेज साइट घोषित किया

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