19 से 21 साल के तीन लड़कों को किया गिरफ्तार,आरोपियों के फोन में मिला ये खतरनाक ऐप
UPI Payment Fake Google App: महाराष्ट्र के मुंबई से औनलाइन फ्रॉड का एक अजीबोगरीब मुद्दा सामने आया है। यहां तीन युवकों ने गूगल प्ले स्टोर से एक ऐसा ऐप डाउनलोड किया, जिससे पेमेंट के भुगतान का केवल मैसेज जाता है, जबकि पेमेंट नहीं जाता। रेस्तरां के खाते में पैसे नहीं आने पर मैनेजर ने पुलिस में कम्पलेन की। जांच में खुलासा होने पर पुलिस अधिकारी भी चौंक गए। उन्होंने बोला है कि वे गूगल को अपने प्ले स्टोर से इस एप्लिकेशन को हटाने के लिए पत्र लिखेंगे।
19 से 21 वर्ष के तीन लड़कों को किया गिरफ्तार
न्यूज साइट भारतीय एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने 19 से 21 वर्ष के तीन युवकों को अरैस्ट किया है। इल्जाम है कि तीनों ने इस हफ्ते में एक रेस्तरां के बिल भुगतान में फर्जीवाड़ा की। जांच में सामने आया है कि रेस्तरां प्रबंधक को भी एक मैसेज मिला था कि भुगतान कर दिया गया है। बाद में उन्होंने बैंक एकाउंट की जांच की तो उनके होश उड़ गए। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कम्पलेन कर्ता के पास केवल मैसेज आया था, पैसे नहीं आए थे। हालांकि मुद्दा सामने आने पर आरोपियों के माता-पिता ने रेस्तरां वालों से संपर्क किया और उनके पैसे दिए।
1800 रुपये का किया था नकली भुगतान
आरसीएफ थाने के इंस्पेक्टर रंजीत जाधव ने बोला कि पहले मुद्दे में दो पुरुष 15 सितंबर की शाम 6.15 बजे शिव छाया रेस्तरां में पहुंचे। आरोपियों ने 1,810 रुपये के बिल के साथ एक पार्सल ऑर्डर किया। रेस्तरां मैनेजर से क्यूआर देने के लिए कहा। सामने आया है कि आरोपी ने गूगल प्ले स्टोर से एक खास ऐप डाउनलोड किया था। इसी ऐप का इस्तेमाल करके क्यूआर कोड को स्कैन किया था।
पेमेंट के बाद ग्रीन टीन भी दिखता है
उन्होंने कहा कि ये ऐप एक फर्जी मैसेज बनाता है। मैसेज को देखकर लगता है कि वास्तव में भुगतान हो गया है। इतना ही नहीं गूगल-पे या अन्य किसी पेमेंट ऐप की तरह ग्रीन टिक भी दिखाता है। इसके बाद आरोपियों ने मैनेजर को भुगतान का मैसेज दिया और वहां से चले गए। बाद में बैंक खातों का मिलान करते समय मैनेजर को एहसास हुआ कि पेमेंट में 1,810 रुपये कम हैं। इस पर मैनेजर ने चेंबूर में आरसीएफ पुलिस में कम्पलेन दर्ज कराई, जिसके आधार पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।
दो और रेस्तरां में किया ऐसा ही नकली पेमेंट
इसके बाद आरसीएफ पुलिस को वाशी नाका क्षेत्र में उसी आरसी रोड पर स्थित हरदीप पंजाब और कैलाश पंजाब रेस्तरां से दो और शिकायतें मिलीं। कम्पलेन में बोला गया है कि दो लोगों ने 1,400 रुपये और 3,260 रुपये का भुगतान किया था, लेकिन पैसे खाते में नहीं आए। जब पुलिस ने इस मुद्दे की जांच की तो ये पहले मुद्दे जैसा ही निकला। पुलिस ने आरोपी को वाशी नाका क्षेत्र में ढूंढ निकाला। अरैस्ट किए गए तीन युवाओं में से दो का चोरी का पुराना रिकॉर्ड रहा है।
आरोपियों के टेलीफोन में मिला ये घातक ऐप
इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल टेलीफोन की जांच की। जांच के दौरान उनके टेलीफोन में एक ऐप मिला, जिसका इस्तेमाल करके वे लोगों को ठग रहे थे। पुलिस अधिकारी ने बोला कि हम इस ऐप को प्ले स्टोर से हटाने के लिए गूगल का पत्र लिखेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पहली बार नहीं है जब धोखेबाजों द्वारा प्रतिष्ठानों को भुगतान का नकली मैसेज भेजने वाले ऐप का इस्तेमाल किया गया है।