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पति की लंबी आयु और संकट से रक्षा करने के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे महिलाये करती इस व्रत को

इस व्रत में रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है करवा चौथ का पर्व चंद्रमा की पूजा के बिना अधूरा माना जाता है इस दिन ईश्वर गणेश और माता करवा की पूजा की जाती है

महिलाएं करवा चौथ के दिन अपने पति की लंबी उम्र और संकट से रक्षा करने के लिए पूरे दिन भूखे प्यासे इस व्रत को करती हैं शाम को जब चांद निकलता है उसके बाद पूजा करती हैं और पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं

 

करवा चौथ के दिन सुबह सूर्याेदय से पहले उठने का खास महत्व कहा गया है सुबह सूर्याेदय से पहले इसलिए उठना होता है क्योंकि राष्ट्र के कई हिस्सों में सरगी की प्रथा का पालन किया जाता है महिलाएं सरगी में मिला हुआ भोजन खाती हैं, ढेर सारा पानी पीती हैं इसके बाद ईश्वर की पूजा करके निर्जला व्रत रखने का संकल्प लेती हैं

कई स्त्रियों को पता नहीं होता कि क्या नहीं करना चाहिए कुछ काम है जो करवा चौथ के दिल नहीं करना चाहिए

 

करवा चौथ के दिन नीले, भूरे, और काले रंग को अशुभता का प्रतीक माना जाता है संभव हो तो इस दिन लाल रंग या चटक रंग के कपड़े पहने ये शुभ फल देता है

 

करवा चौथ के दिन सुई, धागे, कैंची, अथवा सेफ्टी पिन का इस्तेमाल ना करें

पूजा पाठ के दिन किसी की भी बुराई या चुगली ना करें

करवा चौथ के दिन यानी व्रत के दिन किसी भी सोए हुए आदमी को नींद से नहीं उठाना चाहिए अर्थात उसकी नींद में बाधा ना डालें और आराम करने दें

 

आधुनिकता के दौर में कई महिलाएं अपना टाइम पास करने के लिए जुआ भी खेलती हैं जो गलत हैं व्रत के समय इस तरह के काम करने करना शुभ नहीं होता है

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