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मणिपुर में पीड़ित और गवाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम की इन अदालतों में अपने बयान कराए दर्ज

  उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उन मामलों की सुनवाई के लिए असम के गुवाहाटी की अदालतों को नामित करने को कहा, जो स्त्रियों और बच्चों के विरुद्ध यौन अत्याचार से जुड़े होने के कारण मणिपुर गवर्नमेंट द्वारा CBI को स्थानांतरित कर दिए गए थे

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने बोला कि मणिपुर में पीड़ित और गवाह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम की इन अदालतों में अपने बयान दर्ज करा सकते हैं

पीठ ने यह भी अनुमति दी कि आरोपियों की पेशी, रिमांड, न्यायिक हिरासत, हिरासत के विस्तार आदि से संबंधित आवेदन औनलाइन मोड में किए जा सकते हैं

इसने निर्देश दिया कि सीआरपीसी की धारा 164 के अनुसार बयान मणिपुर में एक क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दर्ज किए जाएंगे वहीं तलाशी और गिरफ्तारी वारंट की मांग करने वाले आवेदन वर्चुअल मोड के माध्यम से जांच एजेंसी द्वारा किए जा सकते हैं

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि उच्चतम न्यायालय सुनवाई सहित CBI मामलों को मणिपुर के बाहर किसी भी पड़ोसी राज्य में स्थानांतरित करने का आदेश दे सकता है

सुप्रीम न्यायालय द्वारा 20 जुलाई को वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद मणिपुर में दो युवा आदिवासी स्त्रियों को नग्न कर घुमाए जाने की परेशान करने वाली घटना के साथ-साथ स्त्रियों और बच्चों के विरुद्ध यौन अत्याचार से जुड़े अन्य ऐसे ही मामलों की जांच CBI को सौंप दी गई थी

केंद्र गवर्नमेंट ने तब एक हलफनामे के माध्यम से शीर्ष न्यायालय से मुकदमे सहित पूरे मुद्दे को मणिपुर के बाहर किसी भी राज्य में स्थानांतरित करने का आदेश देने का निवेदन किया था साथ ही, यह निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि केस CBI द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर खत्म किया जाए

सुप्रीम न्यायालय ने तीन स्त्री न्यायाधीशों की एक समिति गठित की थी, जिसे मणिपुर में स्त्रियों के विरुद्ध अत्याचार से संबंधित जानकारी एकत्र करने के साथ-साथ राहत शिविरों की स्थितियों की नज़र करने और पीड़ितों को मुआवजे पर फैसला लेने का काम सौंपा गया था

इसने इन आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी दत्तात्रेय पडसलगीकर को भी नियुक्त किया था कि कुछ पुलिस ऑफिसरों ने मणिपुर में संघर्ष के दौरान यौन अत्याचार सहित अत्याचार के अपराधियों के साथ मिलीभगत की थी

पडसलगीकर केंद्रीय जांच एजेंसी को हस्तांतरित की गई प्राथमिकी की CBI जांच की नज़र करेंगे उन्हें मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई शेष प्राथमिकियों की जांच की नज़र करने का भी निर्देश दिया गया था

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