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विनीता अरोड़ा आगरा में स्ट्रीट डॉग आवारा जानवरों के लिए किसी बनी मां

आगरा अक्सर आपने बेजुबान जानवरों को लोगों द्वारा लाठी डंडे से फटकारते और दुत्कारते हुए देखा होगा इन बेजुबानों की जुबान बनने और उनकी मां बनने का काम आगरा की एक स्त्री ने किया है इस स्त्री ने बेजुबानों का दर्द समझा और बचपन से ही इनका सहारा बनने का काम किया विनीता अरोड़ा स्ट्रीट डॉग्स जैसे बेजुबानो के लिए काम कर रही हैं वह प्रतिदिन लगभग 150 से 200 स्ट्रीट डॉग्स को सुबह शाम खाना खिलाने के लिए शहर की कई गलियों में घूमती हैं बेजुबान जानवर भी उनके आने का बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं जैसे ही विनीता अरोड़ा उनके पास पहुंचती हैं सभी जानवर उनसे कुछ इस तरह लिपट जाते हैं जैसे इनका वर्षों का नाता है

जानवर उन्हें मां की तरह करते हैं प्यार

आगरा के खंदारी हनुमान चौराहे की रहने वाली विनीता अरोड़ा पिछले 8 वर्षों से आगरा में स्ट्रीट डॉग आवारा जानवरों के लिए किसी मां से कम नहीं हैं हर रोज सुबह शाम गाय और कुत्तों को नियम से खाना खिलाती हैं यही वजह है कि जानवर भी उन्हें मां की तरह प्यार करते हैं उनकी एक आहट का उन्हें हर सुबह शाम प्रतीक्षा रहता है

स्ट्रीट डॉग्स के लिए चलातीं हैं शेल्टर होम

 

विनीता अरोड़ा आगरा के पोइया क्षेत्र में कैसपर्स होम के नाम से स्ट्रीट डॉग्स के लिए एक शेल्टर होम भी चलाती हैं उनके शेल्टर होम में करीब 186 आवारा जानवर पल रहे हैं उसमें अधिकांश कुत्ते हैं, जिनका वह लंबे समय से ख्याल रख रहीं हैं हालांकि, जानवरों की संख्या अधिक होने के चलते अब वह एक और नया सेल्टर होम बनवा रहीं हैं क्योंकि उनका बोलना है कि शहर के लोग इन आवारा जानवरों को स्वीकार नहीं करते ऐसे में इन जानवरों की हालत काफी खराब हो रही है कहीं इन्हें इंसानों द्वारा हाथापाई कर घायल कर दिया जाता है तो कहीं यह जानवर किसी हादसा का शिकार होकर मर जाते हैं कुछ किसी रोग का शिकार हो जाते हैं

बचपन से ही जानवरों को पालना पसंद है- विनीता

विनीता अरोड़ा का बोलना है कि उन्हें बचपन से ही इन जानवरों का लालन-पालन करना और इनका ख्याल रखना काफी पसंद है उन्होंने कहा कि उनका एक प्यारा पपी जिसका नाम कैशपर्स था उसकी सड़क हादसा में मृत्यु हो गई थी इसके बाद उन्हें लगा की शहर में जाने कितने ऐसे स्ट्रीट डॉग होंगे, जिनकी मृत्यु किसी न किसी हादसा या अन्य कारणवश हो जाती है उनका कोई भी ख्याल नहीं रखता इसके बाद उन्होंने अपनी संस्था कैस्पर्श होम की आरंभ की उनकी संस्था को कई वर्ष बीत चुके हैं आरंभ में जहां उनके सेल्टर होम में 15 स्ट्रीट डॉग थे आज वहां 180 से अधिक की संख्या है

लोगों के विरोध का करना पड़ता है सामना- विनीता

 

विनीता अरोड़ा ने कहा कि जब वह अन्य स्ट्रीट डॉग को खाना खिलाने के लिए जाती हैं तो कई बार उन्हें आसपास के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है कई बार लोग कहते हैं कि जिन कुत्तों को तुम खाना देकर जाती हो उससे यहां पर गंदगी होती है तो कभी लोग बोलते हैं कि इन कुत्तों की वजह से हमें डर लगा रहता है कि यह हम पर धावा न कर दें जबकि विनीता अरोड़ा ने कहा कि मैं जिन स्ट्रीट डॉग को खाना खिलाने जाती हूं उनके लिए प्लेट लेकर जाती हूं ताकि मौके पर कोई भी गंदगी ना हो साथ ही इन सभी जानवरों को समय-समय पर इंजेक्शन लगते हैं, जिससे कि यह लोगों के लिए खतरनाक ना बने

चैन्ड डॉग के विरोध में चला रही हैं मुहिम

विनीता अरोड़ा ने कहा कि अब मैंने चैन्ड डॉग के विरोध में मुहिम चलाई है कई लोग कुत्तों को बड़ी-बड़ी चैन से बांध कर रखते हैं इसकी वजह से कई बार कुत्ते चोटिल हो जाते हैं और उनकी मृत्यु तक हो जाती है हम ऐसे लोगों को जागरुक कर रहे हैं कि वह उनके गले में कोई ऐसा पट्टा डाल कर रखें, जिससे उन्हें कठिनाई ना हो कभी भी उन्हें जबरदस्ती चैन के सहारे खींचने की प्रयास ना करें इससे उन्हें काफी परेशानी भी हो सकती है साथ ही जो लोग इन बेजुबान जानवरों के साथ पशु क्रूरता जैसे हाथापाई करना, जानलेवा हमले करना और उन्हें जान से मार देने जैसे काम करते हैं उनके विरुद्ध भी लगातार सोशल मीडिया एकाउंट और पशुपालन विभाग की सहायता से कार्रवाई भी कराती हूं

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