क्यों बढ़ रहा है बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा…
Heart Attack in Kids: घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की है। जहां के एक नामी विद्यालय में 9वीं कक्षा के विद्यार्थी की अचानक मृत्यु हो गई। शुरुआती जांच में पता चला कि विद्यार्थी की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है।
खबर के अनुसार, विद्यार्थी क्लास में पढ़ने के दौरान अचानक बेहोश हो गया। अन्य बच्चों ने भी बच्चे के हाथ पैर दबाए और पानी पिलाने की प्रयास की। लेकिन बच्चा होश में नहीं आया, जिसके बाद पास के हॉस्पिटल में लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मृत्यु की पुष्टि की। डाक्टर ने कहा कि बच्चे को हार्ट अटैक हुआ है और तुरंत कार्डियोलॉजी के पास ले जाया जाए। कार्डियोलॉजी के इमरजेन्सी में पहुंचने पर वहां भी डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था। अक्सर हम बड़ों में ये कठिनाई देखते हैं। लेकिन अब बच्चों में ये कठिनाई दिख रही है। आखिर इसके पीछे क्या वजह हो सकती है कि छोटी उम्र के बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा देखने को मिल रहा है।
क्यों बढ़ रहा है बच्चों में हार्ट अटैक का खतरा
छोटी उम्र में बच्चों को हार्ट अटैक आने के पीछे का कारण पेरेंट्स की भी ढिलाई हो सकती है। आजकल बच्चों पर पढ़ाई का काफी प्रेशर रहता है, खेलकूद के लिए बच्चों को बाहर ना भेजना, हेल्दी लाइफस्टाइल का न होना और मां-बाप का बच्चों के सामने ही स्मोकिंग करना हार्ट अटैक के खतरे को पैदा करता है। जब दिल में ब्लड की आपूर्ति नहीं हो पाती है तो हार्ट की मसल्स को हानि होता है। ऐसे में खून का थक्का जमता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है। जिस कारण हार्ट अटैक होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, यदि बच्चों की स्किन या होठों के आसपास नीला निशान दिखे तो ऐसे में सावधान हो जाना चाहिए।
बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण
- शारीरिक एक्टिविटी न होना
- सांस फूलने की परेशानी
- थोड़ी सी एक्सरसाइज करते ही काफी पसीना आना
- जीभ का नीला पड़ना
- एक्सरसाइज के दौरान सीने में दर्द होना