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जीवन में सभी कष्टों से चाहिए मुक्ति, तो मकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय 

मकर संक्रांति को सनातन धर्म का सबसे बडा त्योहार बोला जाता है इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को है मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तर दिशा की ओर गति करते हैं मकर संक्रांति से देवताओं के दिन प्रारम्भ हो जाते हैं मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करके ईश्वर सूर्य को अर्घ्य देने से आदमी के जीवन में हर तरह कष्टों से मुक्ति मिल जाती है जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है

पितरों का तर्पण और दान करना चाहिए
मकर संक्रांति पर स्नान करने के बाद आपको अपने पितरों का तर्पण और दान करना चाहिए इससे आपको अपने पितरों का भी आशीर्वाद मिलेगा जिससे आपका जीवन सुखी हो जाएगा इस दिन कुछ तरीका करने से कष्टों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि पितरों के निमित्त उनके उतम लोक की प्राप्ती के लिए संक्रांति के दिन षट तिल कर्म करने का विधान शास्त्रों में कहा गया है इस दिन स्नान करते समय तिल का इस्तेमाल करें इस दिन शरीर में तिल का उबटन लगाकर स्नान करने का नियम है

करें यह भी उपाय
पंडित राजा आचार्य ने कहा इस दिन षट तिल कर्म करने का नियम है संध्या वंदन के बाद सभी पितरों के निमित्त गंगा स्नान करके तिल से अर्पण करते हुए पितरों का तिल तर्पण करें इसके अलावे इस दिन ईश्वर के निमित्त तिल ऑयल का दीपक जलाएं तिल का ऑयल सही होना चाहिए इस दिन तिल का हवन करें

भगवान लक्ष्मी नारायण और पितरों के निमित्त तिल, गुड, घी मिलाकर हवन करें इसके अलावे इस दिन किसी ब्राह्मण को देवालय को, गरीबों को तिल से बनी मिठाई या अन्य सामग्री दान करें वहीं इस दिन तिल का सेवन जरुर करें ईश्वर और अराध्य देव को तिल का नैवेद्य लगाकर सेवन अवश्य करें और ऐसा करने से जीवन में अपार खुशी और प्रसन्नता होती है और पितर लोक भी प्रसन्न हो जाते हैं

तिल का तर्पण करने से…
मकर संक्रांति के त्योहार के बाद से दिन लंबे होने लगते हैं रातें छोटी होने लगती हैं सूर्य एक साल में उत्तरायण और दक्षिणायण होते हैं शास्त्रों के मुताबिक उत्तरायण देवताओं का दिन और दक्षिणायण देवताओं की रात मानी जाती है सूर्य जब दक्षिणायन में रहते हैं तो इस दौरान देवी- देवताओं की रात्रि और उत्तरायण के 6 माह को दिन बोला जाता है मकर संक्रांति के दिन तिल का तर्पण करने से पितर लोक को आत्मा की शांति मिलती है

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