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ट्रेनों में इन तरीकों को अपनाकर फ्लेक्‍सी फेयर से बच सकते हैं…

Avoid flexi fare. ट्रेनों में अकसर यात्रा करने वाले यात्रियों को फ्लेक्‍सी फेयर भारी पड़ता है. हालांकि यह फ्लेक्‍सी फेयर सिर्फ़ 100 के करीब प्रीमियम ट्रेनों पर ही लागू है. ट्रेनों में ज्‍यादा यात्रा करने वाले इन प्रीमियम ट्रेनों से यात्रा जरूर करते हैं और फ्लेक्‍सी फेयर लगने से यात्रा महंगी हो जाती है. ऐसे यात्रियों के लिए फ्लेक्‍सी फेयर से बचने के तीन ढंग हैं. इन उपायों को अपनाकर फ्लेक्‍सी फेयर से बच सकते हैं. आइए जानें क्‍या हैं ये तरीके.

फ्लेक्‍सी फेयर की आरंभ सितंबर 2016 में तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने लागू किया था. प्रीमियम ट्रेनों में सीटों की बुकिंग के साथ किराया बढ़ता जाता है. हालांकि पहले सामान्‍य किराए से 1.5 गुना तक जाता था लेकिन छह माह बाद इसकी समीक्षा कर संशोधन किया गया और अधिकतम 1.4 गुना तक किराया जाता है. 50 प्रतिशत से कम बुकिंग वाली ट्रेनों में फ्लेक्‍सी फेयर नहीं लगता है. बात करते हैं कि वो तीन ढंग कौन- कौन से हैं? जिनसे फ्लेक्‍सी फेयर से बचा जा सकता है.

पहला तरीका- सामान्‍य तौर पर ज्‍यादातर लोगों का जाने का संभावित प्‍लान तो बन जाता है लेकिन कंफर्म नहीं होता है. बहुत कम संख्‍या में ऐसे यात्री होते हैं, जिनका अचानक प्‍लान बनता है. पहले बात करते हैं जिनका पहले से संभावित प्‍लान होता है. उन्‍हें फ्लेक्‍सी फेयर लागू होने से पहले रिजर्वेशन करा लेना चाहिए. यदि बाद में जाने का प्‍लान नहीं बनता है तो उसे कैंसिल कराया जा सकता है. इसमें सिर्फ़ 180 रुपये ही कटते हैं, जबकि फ्लेक्‍सी फेयर ज्‍यादा होता है.

दूसरा तरीका- रेलवे त्‍यौहारी सीजन या गर्मियों में अनेक ट्रेनों की क्‍लोन ट्रेन चलाता है. इसकी घोषणा की जाती है. वास्तविक ट्रेनों में वेटिंग के साथ फ्लेक्‍सी फेयर प्रारम्भ हो जाता है. इस वजह से यात्रियों को क्‍लोन ट्रेन में तुरंत रिजर्वेशन करा लेना चाहिए. इस तरह यात्री बगैर फ्लेक्‍सी फेयर दिए गंतव्‍य तक पहुंच सकता है.

तीसरा तरीका- यात्रियों को गंतव्‍य तक जाने वाली प्रीमियम ट्रेनों के बजाए आसपास के करीब शहर या स्‍टेशन तक जाने वाली ट्रेनों में रिजर्वेशन करा लेना चाहिए. वहां उतरकर किसी भी ट्रेन से गंतव्‍य तक पहुंचा जा सकता है. इन उपायों से यात्री फ्लेक्‍सी फेयर से बच सकता है.

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