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दिन के उजाले में ही करें इस मशहूर किले की सैर

 राजस्थान न्यूज डेस्क !!!  नाहरगढ़ किला, जयपुर की अरावली पहाड़ियों पर बना एक खूबसूरत किला है इसे वर्ष 1734 में जय सिंह के शासनकाल के दौरान बनवाया गया था और फिर बाद में वर्ष 1868 में इसका विस्तार किया गया था पहले इस किले का नाम सुदर्शनगढ़ था, लेकिन बाद में इसी स्थान मारे गए युवराज नाहर सिंह के नाम पर इस किले का यह नाम रखा गया यह किला पर्यटन के अतिरिक्त मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री फिल्मों की शूटिंग के लिए भी काफ़ी प्रसिद्ध है  विविधता में एकता का राष्ट्र हिंदुस्तान पूरे विश्व में अपनी विविधता के लिए जाना जाता है. यहां के हर राज्य की अपनी-अपनी विशेषता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग हमारे राष्ट्र में आते हैं. राजस्थान हिंदुस्तान का एक ऐसा राज्य है, जो अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति और परंपराओं के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है. इस राज्य का अपना समृद्ध इतिहास है, जिसका प्रमाण आज भी इस राज्य में देखा जा सकता है. यहां कई ऐतिहासिक स्मारक हैं, जो इसके समृद्ध इतिहास को दर्शाते हैं.

राजस्थान को किलों और महलों का राज्य भी बोला जाता है. यहां कई खूबसूरत किले और महल हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. राज्य की राजधानी जयपुर में भी ऐसे खूबसूरत किले और महल हैं, जिन्हें देखने के लिए बहुत से लोग यहां आते हैं. इन्हीं किलों में से एक है नाहरगढ़ किला, जो हिंदुस्तान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक है. यहां हर वर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. आइए जानते हैं इस किले का इतिहास और इससे जुड़ी दिलचस्प बातें-

राजस्थान टूरिज्म की वेबसाइट के मुताबिक, नाहरगढ़ किला अरावली पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है. इस किले का निर्माण साल 1734 में जय सिंह के शासनकाल के दौरान किया गया था और बाद में साल 1868 में इसका विस्तार किया गया था. नाहरगढ़ का अर्थ है बाघों का निवास. यह किला विशेष रूप से हमलावर दुश्मनों से जयपुर की रक्षा के लिए बनाया गया था. यह किला आज भी पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र है और इसकी खूबसूरती देखने के लिए राष्ट्र भर से लोग बड़ी संख्या में यहां आते हैं.

पहले इस किले का नाम सुदर्शनगढ़ था, लेकिन बाद में इसका नाम युवराज नाहर सिंह के नाम पर रखा गया जिनकी इसी जगह पर मर्डर कर दी गई थी. दरअसल, युवराज का भूत चाहता था कि इस किले का नाम उसके नाम पर रखा जाए. अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध यह किला अपनी भूतिया कहानी के लिए भी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि किले के निर्माण के दौरान कई ऐसी गतिविधियां हुईं, जिससे डरकर श्रमिकों को भागने पर विवश होना पड़ा. दरअसल, लोगों का बोलना है कि इस किले में मजदूर जो भी काम करते थे, वह अगले दिन नष्ट हो जाता था, जिसके कारण महल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाता था और मजदूर बहुत डर जाते थे.

पर्यटन के अतिरिक्त यह किला मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री फिल्मों की शूटिंग के लिए भी प्रसिद्ध है. अदाकार आमिर खान अभिनीत फिल्म रंग दे बसंती की शूटिंग यहीं हुई थी. तभी से यह किला लोगों के बीच और भी प्रसिद्ध हो गया. दिवंगत अदाकार सुशांत सिंह राजपूत ने भी अपनी फिल्म सही देसी रोमांस के लिए यहां शूटिंग की है.

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