नए साल पर घर के वास्तुदोषों के निवारण के लिए करें ये सरल उपाय
वास्तु गुनाह निवारण के आसान तरीका
vastu tips 2024: वास्तु यानी जो है या जिसकी सत्ता है का ज्ञान कराने वाले शास्त्र को ‘वास्तु शास्त्र’ कहते हैं। इसी शास्त्र के मुताबिक सभी वस्तुओं को ठीक स्थिति और ठीक दिशा में स्थापित करने से वास्तु संबंधी दोषों से राहत मिलती है तथा कष्टों का निवारण होता है। जानें, वास्तु गुनाह निवारण के आसान उपाय।
तनावपूर्ण जीवन और संतान कष्ट
जिस घर के उत्तर-पूर्वी भाग में शौचालय होता है, वहां का निवासी हमेशा तनावग्रस्त होता है तथा अपनी संतानों द्वारा पीड़ित होता हैं। अतः अपने घर के पूजा जगह में अष्ट धातु से निर्मित शिव ईश्वर की पूजा करते हुए श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करें। संभव हो तो अपने घर के इस भाग से शौचालय तथा सेप्टिक टैंक हटाकर उत्तर-पश्चिम भाग में बनवा लें।
संतान की उन्नति में बाधा
जिस मकान का पूर्वी भाग अधिक उठा हुआ है, वहां वास करनेवालों की संतान अधिक प्रगति नहीं कर पाती। अतः मकान के पूर्वी भाग को अपेक्षाकृत नीचा रखें। यह संभव न हो तो सभी भागों को समतल जरूर रखें। कोई भी क्रिस्टल बॉल पश्चिमी खिड़की पर लगाएं। यह बॉल सूर्य की किरणों को परावर्तित करती हुई इंद्रधनुषी रंगों का सृजन करेगी। यह गृहस्वामी तथा संतान की उन्नति में भाग्य को इंद्रधनुषी रंगों के माध्यम से चमकाती है।
संतान की शिक्षा तथा करियर
मकान की सीढ़ियां दक्षिण-पूर्वी भाग में होने पर संतान की शिक्षा तथा करियर में समय-समय पर परेशानियां आती हैं। जबकि उत्तर-पूर्व में होने पर उनकी समृद्धि प्रभावित होती है। अतः अपने मकान में सीढ़ियों का निर्माण दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण या पश्चिम भाग में करवाएं। घर के मुख्य दरवाजे पर मधुर स्वर लहरी या घंटी रखें। मधुर स्वर लहरी, मीठी आवाज में बजनेवाली आधुनिक घंटियां घर में सकारात्मक वायु प्रवाह को उत्पादित करने के कारण शुभ शकुन के रूप में वास्तु गुनाह का निवारण करती हैं।
मनोरोग तथा हड्डियों से संबंधित रोग
मकान का उत्तर-पश्चिम भाग वायु देवता का माना गया है। इस कोण पर भारी वजन रखने पर वायुविकार, मनोरोग, हड्डियों से संबंधित, मानसिक अवसाद आदि होते हैं। वहीं दक्षिण-पश्चिम भाग को खाली या खुला रखने से क्रोध तथा तनाव होता है। काले घोड़े के नाल घर के दरवाजे पर लगाएं तथा स्फटिक के स्वास्तिक पिरामिड की स्थापना करें।
पति-पत्नी में सांमजस्य का अभाव
वास्तु के अनुसार, जिस घर में रसोई घर तथा शयन कक्ष की दीवारों पर प्लास्टर तथा ठीक ढंग से रंगाई-पुताई नहीं है, या दीवारें खराब दिखती हैं, उस मकान में रहने वाले दंपती में परस्पर सामंजस्य का अभाव होता है। अतः मकान के इन दोनों कक्षों को हमेशा संवार कर ही रखना चाहिए। वहीं शयनकक्ष में राधा-कृष्ण का चित्र लगाएं।
सुख-समृद्धि के लिए घर से दूर करें ये वास्तुदोष
मकान के छत का ढलान (स्लोप) हमेशा उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए तथा छत का तल दक्षिण-पश्चिम भाग में तथा अन्य भागों से नीचा नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा है, तो वहां कोई समान या लकड़ी की खाली पेटियां रख कर इसे बड़ा करना चाहिए। मकान में प्रवेश करने वाली सीढ़ियां क्षतिग्रस्त नहीं होनी चाहिए, वरना रोजी-रोजगार में बरकत नहीं होती। प्रवेश द्वार को साफ-सुथरा रखें। घर के पूजा जगह पर स्फटिक के श्रीयंत्र, पांच कौड़ी, दक्षिणावर्ती शंख तथा गोमती चक्र की स्थापना करें