पत्नी तलाक के लिए शिष्टाचार जरूरी, परिवार और बच्चों से रिश्ता न बिगाड़ें
जब दो लोग एक साथ जीवन बिताने का निर्णय करते हैं तो दो परिवार भी आपस में जुड़ जाते हैं. कई नए संबंध भी जुड़ जाते हैं. दोनों के दोस्तों की भी आपस में दोस्ती हो जाती है. लेकिन जब यही दो लोग अलग होने के निर्णय करते हैं संबंध पहले जैसे नहीं रहते.
चैट रूम में आज चर्चा एक ऐसे कपल की जहां पत्नी-पत्नी दोनों तलाक लेना चाहते हैं, लेकिन तलाक के प्रोसेस में एक दूसरे पर लगाए जाने वाले आरोप से बचना चाहते हैं. रिलेशनशिप काउंसलर डाक्टर माधवी सेठ ने परेशानी को समझा और ठीक तरीका बताया.
हम दोनों तलाक लेना चाहते हैं, लेकिन चाहते हैं कि अलग होने के बाद भी संबंध में डिग्निटी बनी रहे. एक दूसरे पर इल्जाम लगाने की बजाय हम शांति से अलग हो जाएं. क्या ऐसा संभव है?
अगर आप दोनों ये मानते हैं कि अब आप साथ नहीं रह सकते. दोनों ने अपनी तरफ से पूरी प्रयास करके देख लिया. लेकिन संबंध में कोई सुधार नहीं आया, तो शांति से अलग हो जाना ही सबसे अच्छा विकल्प है. लेकिन ये बात आप दोनों को पता होनी चाहिए कि तलाक का निर्णय महिला या पुरुष दोनों के लिए ही सरल नहीं होता.
अलग होने के शिष्टाचार
तलाक लेने के प्रोसेस में कई दंपती एक दूसरे पर झूठे आरोप तक लगा देते हैं. उन्हें लगता है कि अब तो रिश्ता समाप्त हो चुका है तो मन की सारी भड़ास निकाल दी जाए. लेकिन ये अलग होने के शिष्टाचार नहीं हैं.
आज आप उस आदमी से तलाक ले रही हैं जिसे कभी आपने अपना जीवनसाथी माना था. जिस पर अपना सारा प्यार लुटाया था. अलग होते समय उस प्यार का मान रखें. तलाक के प्रोसेस में मन में इतनी कड़वाहट न आने दें कि कल को जब कभी मुलाकात हो तो नजरें मिलाना कठिन हो जाए.
तलाक के बाद एक दूसरे को भुलाना इतना सरल नहीं है. इसलिए ऐसा कोई व्यवहार या हरकत ना करें जिसे याद कर कल को आपको शर्मिंदगी महसूस हो.
तलाक महंगा होता है
तलाक लेना केवल दो लोगों का अलग हो जाना नहीं होता. तलाक के कारण दो परिवारों का आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक हानि बहुत भारी मात्रा में होता है. इसमें धन का, रिश्तों का, बच्चों का, सोशल स्टेटस… बहुत सारे हानि एक साथ होते हैं. इसीलिए कानून भी तलाक लेने से पहले इस पर फिर से विचार करने को कहता है.
खुशी की अभिनय असल खुशी नहीं
कई लोग तलाक के बाद स्वयं को खुश दिखाने की झूठी अभिनय करते हैं, ताकि वो अपने निर्णय की ठीक साबित कर सकें. लेकिन दूसरों के सामने खुश होने की अभिनय करने की क्या जरूरत, जब आप मन से खुश नहीं हैं. आप भले ही सोशल मीडिया पर अपने हैप्पी मूड की फोटोज शेयर करें, लेकिन इससे आपकी हेल्थ में सुधार नहीं होगा, आपका तनाव कम नहीं होगा.
तलाक के परिणाम
तलाक के बाद आपको किन समस्याओं का सामना करना पड़ेगा इसके बारे में पहले ही सोच लें ताकि आप इसके लिए स्वयं को तैयार कर सकें. तलाक शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है. पारिवारिक और सोशल स्टेटस पर भी इसका असर पड़ता है. ऐसे में कई बार स्वयं को संभालना कठिन हो जाता है. यदि आप पहले से इन स्थितियों के लिए तैयार हैं तो आप पर इसका असर कम होगा.
बच्चों के मन में कड़वाहट न आने दें
पेरेंट्स के तलाक के बाद बच्चों का बहुत हानि होता है. बच्चों को समझ नहीं आता कि किसे ठीक मानें और किसे गलत. कई पेरेंट्स बच्चों को अपने पार्टनर के विरुद्ध भड़काते हैं. इसका बच्चों के मासूम मन पर बुरा असर पड़ता है. उनका विवाह के संबंध पर से विश्वास उठ जाता है. ऐसे बच्चे बड़े होकर विवाह के लिए किसी पर शीघ्र विश्वास नहीं कर पाते.
परिवार और दोस्तों को न बांटें
पति-पत्नी के अलग होने पर परिवार वालों, संबंधियों और दोस्तों को समझ नहीं आता कि किसके साथ रिश्ता रखें और किसके साथ समाप्त करें. कई कपल जान बूझकर परिवार वालों, संबंधियों और दोस्तों के सामने ये कंडीशन रखते हैं कि वो दंपती में से किसी एक के साथ ही रिश्ता रख सकते हैं, दोनों के साथ नहीं. लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है. परिवार वालों, संबंधियों और दोस्तों को अपने सेपरेशन का शिकार न बनाएं. उन्हें ये छूट दें कि वो जब चाहें दंपती दोनों में से किसी से भी बात कर सकते हैं.
अगर दो लोग बहुत कोशिशें कर लेने के बावजूद भी साथ नहीं रह पा रहे हैं, तो अलग हो जाने में कोई बुराई नहीं है. लेकिन तलाक के प्रोसेस में एक दूसरे को बुरा साबित करने की बजाय आपसी सहमति से शांति से अलग हो जाना सेपरेशन का सबसे ठीक शिष्टाचार है.
पति से पिटने वाली स्त्रियों का सच, 3 कैटेगरी की महिलाएं खाती हैं पति की मार, फिजिकल अब्यूज से बचने के ठोस रास्ते
मार खाकर रिश्ता निभाना कोई समझदारी नहीं है. दंपती ही नहीं, किसी को भी किसी पर हाथ उठाने का अधिकार नहीं है. कई घरों में महिलाएं चुपचाप पति की मार खाती हैं, लेकिन ये बात घर से बाहर नहीं निकलती. पढ़ी-लिखी महिलाएं भी पति से पिटती हैं, लेकिन इसके बारे में किसी से बात नहीं करतीं. उन्हें अपनी प्रेस्टीज की चिंता रहती है, लेकिन इसे बढ़ावा देकर कई बार वो अपने लिए मुसीबत मोल ले लेती हैं. फिर जब पति किसी के सामने हाथ उठाता है तो भेद खुल ही जाता है. तब उनके लिए इसे बर्दाश्त करना कठिन हो जाता है.
चैट-रूम में आज चर्चा एक ऐसी स्त्री की जो रोज पति के हाथों पिटती है और तब भी असमंजस में है कि पति से रिश्ता तोड़े या नहीं. रिलेशनशिप काउंसलर डाक्टर माधवी सेठ बता रही हैं दंपती के बीच होने वाले फिजिकल अब्यूज की वजहें और इससे बचने के रास्ते.
पति का सपोर्ट न मिलने पर बीवी घर-ऑफिस की दोहरी जिम्मेदारी से चिढ़े या स्त्री बॉस डेडलाइन पर काम पूरा न करने के लिए फटकार लगाए, अपनी गलती मानने के बजाय कई पुरुष इसका गुनाह भी स्त्री के ‘पीएमएस’ (प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के मत्थे मढ़ देते हैं.
उससे भी बड़ी विडंबना ये है कि ज्यादातर महिलाएं स्वयं अपने शरीर में होने वाले इन बदलावों के बारे में नहीं जानतीं. उन्हें नहीं पता होता कि ये गुस्सा या चिड़चिड़ाहट पीएमएस की वजह से है.
चैट रूम ने आज चर्चा एक ऐसे कपल की जहां पत्नी को कम्पलेन है कि पति उसके पीएमएस को समझने के बजाय उसका मजाक उड़ाते हैं. रिलेशनशिप काउंसलर डाक्टर माधवी सेठ बता रही हैं स्त्रियों के शरीर में होने वाले हॉर्मोनल इम्बैलेंस की सच्चाई.