पौष अमावस्या पर करें ये दान, पितृ दोष से मिलेगा मुक्ति
जनवरी में पौष अमावस्या पड़ती है। जो इस बार 11 जनवरी की है। पंचांग के मुताबिक, जनवरी अमावस्या तिथि का आरम्भ 10 जनवरी की रात 8 बजकर 10 मिनट से होगा तथा समापन 11 जनवरी की शाम 5 बजकर 26 मिनट पर होगी। उदया तिथि के मुताबिक, पौष अमावस्या 11 जनवरी को मनाई जाएगी। सनातन धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। अमावस्या के दिन प्रभु श्री विष्णु, ईश्वर शिव और सूर्य देव की उपासना की जाती है। वैसे तो हर महीने की अमावस्या तिथि बहुत अहम होती है मगर वैसे पौष का महीना और अमावस्या दोनों ही पितरों को समर्पित है, ऐसे में पौष अमावस्या का महत्व दोगुना हो जाता है। मान्यता है कि पौष अमावस्या पर कुछ खास कार्य करने से पितरों यमलोक की यातनाओं से मुक्ति प्राप्त होती है तथा वह स्वर्ग को प्राप्त होते हैं। साथ ही पितृ गुनाह से मुक्ति प्राप्त होती है। आइए आपको बताते हैं पौष अमावस्या पर क्या करें।
पौष अमावस्या पर करें ये 4 काम:-
इस समय करें श्राद्ध –
पितरों का श्राद्ध करने के लिए प्रातः 11.30 से दोपहर 1 बजे तक के बीच का वक़्त उत्तम माना जाता है। मान्यता है अमावस्या पर दोपहर के समय पितर अपने वंशज के बीच आकर उनसे जल-अन्न प्राप्ति की आशा रखते हैं। ऐसे में इस वक़्त किया गया श्राद्ध 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को तृप्त करता है। पूर्वज मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
पितृ गुनाह से मुक्ति दिलाएगा ये दान –
सुपात्र में दिया गया दान आदमी को यश, कामयाबी तथा सौभाग्य के साथ अमोघ फल प्रदान करता है। पितृ गुनाह से छुटकारा पाने के लिए पौष अमावस्या पर अन्न, चावल, दूध, घी, कंबल, धन का दान करें। कहते हैं पितृ गुनाह से जीवन संकटों से घिर रहता है मगर अमावस्या पर किया श्राद्ध कर्म इससे मुक्ति दिलाता है। वंश में बढ़ोतरी होती है।
पीपल की पूजा से पूरे होंगे काम –
कई बार पितृ गुनाह या फिर पूवर्जों की नाराजगी की वजह से परिवार की तरक्की रूक जाती है, मांगलिक कार्य में अड़चनें आने लगती है। ऐसे में पौष अमावस्या पर पीपल को जल में दूध, चावल, काले तिल मिलाकर सीचें। शाम को पीपल के नीचे ऑयल का दीपक लगाएं। इससे जीवन का अंधकार खत्म होता है। शनि भी प्रसन्न होते है तथा पूर्वजों के आशीर्वाद से परिवार उन्नति करता है।
स्नान –
पौष अमावस्या पर गंगा नदी या घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करें। इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है। पूर्वजों के निमित्त तर्पण करें।