पौष पूर्णिमा आज, 30 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा-यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में लगाएंगे डुबकी
माघ मेले के दूसरे प्रमुख पर्व पौष पूर्णिमा का स्नान गुरुवार को होगा। इसी दिन से मेला क्षेत्र में कल्पवास की आरंभ होगी। मेला प्रशासन का अनुमान है कि इस दिन 30 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा-यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाएंगे। अब 24 फरवरी तक कल्पवासी यही डेरा डालेंगे। ऐसे में एक दिन पहले कल्पवासी क्षेत्र और संगम तट तैयारियों को आखिरी रूप देने में अफसरों ने पूरी ताकत झोंकी।
पौष पूर्णिमा के एक दिन पहले बुधवार एक महीने के व्रत का संकल्प लेकर कल्पवासी मेला क्षेत्र में प्रवेश करने लगे। पांटून पुलों से वाहनों पर गृहस्थी का सामान लेकर शिविरों का रुख किया। सेक्टर दो, तीन और चार में अनेक शिविरों को लगाने का काम दिनभर चलता रहा। तिरपाल लाए श्रद्धालुओं ने अपना टेंट लगाकर अभी रहना प्रारम्भ कर दिया है। संगम तट पर सबसे अधिक बल दिया जा रहा है। यहां पर वीआईपी घाट से लेकर संगम नोज तक 1500 फीट का घाट तैयार किया जा रहा है तो राम घाट पर 100 फीट का घाट तैयार किया गया है। इस बार गंगा में कटान अधिक होने के कारण हर सेक्टर में पांटून पुलों के बगल से रास्ता दिया गया है। वहीं पर घाट भी बनाया गया है। प्रभारी मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद ने कहा कि शिविर लगाने का काम पूरा हो चुका है। कुछ काम बाकी हैं जो पूरे हो रहे हैं। स्नान पर्व पर 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है।
प्रवेश निकासी के मार्ग हुए तय
पौष पूर्णिमा के अवसर पर मेले में श्रद्धालुओं को काली मार्ग से प्रवेश दिया जाएगा। संगम अपर मार्ग से लोग संगम नोज तक पहुंच सकेंगे। जबकि वापसी के लिए अक्षयवट मार्ग, वीआईपी घाट के पास से त्रिवेणी मार्ग का रास्ता दिया गया है। आपात स्थिति के लिए एकल मार्ग का यातायात व्यवस्था भी लागू किया गया है। परेड में लाल सड़क को सुरक्षित रखा जाएगा।
स्नान एक नजर
– कुल घाटों की लंबाई 6200 फीट
– डीप वाटर बैरिकेडिंग चार किलोमीटर
– मेला क्षेत्र में बनाए गए कुल वाच टावर 14
– मेला क्षेत्र में बनाए गए कुल चेजिंग रूम 200
प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानंद प्रसाद ने कहा कि पौष पूर्णिमा के साथ ही कल्पवास प्रारम्भ होगा। बड़ी संख्या में कल्पवासियों का आगमन हो गया है। हमें अनुमान है कि 30 लाख से अधिक श्रद्धालु पौष पूर्णिमा पर स्नान करेंगे। मेला और पुलिस प्रशासन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।