यहां बनाई जाती है भगवान बुद्ध की 1 इंच की मूर्ति, जानिए कितना लगता है समय
भगवान बुद्ध की आपने बड़ी से बड़ी मूर्ती देखी होगी पर सबसे छोटी मूर्ती कितनी बड़ी होगी, शायद इशकी जानकारी आपको न हो, सबसे छोटी मूर्ति है मात्र एक इंच की, आपको विश्वास नहीं हो रहा है न, यह गया में बनाई गई है। गया की मूर्ति कला पूरे भारतवर्ष में मशहूर है। यहां पत्थर की बनाई गई मूर्ति राष्ट्र के कोने कोने में भेजी जाती है। गया में कई ऐसे कलाकार हैं जो लकड़ी की मूर्ति बनाने का काम करते हैं। जिले के नीमचकबथानी क्षेत्र के खुखड़ी और पत्थलकट्टी गांव में कई मूर्ति कलाकार हैं, जिनकी बनाई मूर्ति विदेशी तक भी जा चुकी है। यहां 1 इंच से लेकर 10 फीट तक की मूर्ति बनाई जाती है।
यहां ईश्वर बुद्ध की सबसे छोटी मूर्ति भी बनाई जाती है। जिसकी लंबाई मात्र 1 इंच है। ईश्वर बुद्ध की 1 इंच की मूर्ति बनाने में कलाकारों को 10 मिनट से भी अधिक समय लगता है। इस गांव में 500 से अधिक मूर्ति कलाकार हैं जो इसके व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। बोला जाता है कि यहां की मूर्ति कला 300 साल पुरानी है। विष्णुपद मंदिर निर्माण के लिए यहां राजस्थान से कारीगर आए थे, उसके बाद आसपास के सैकड़ों लोगों ने इस कला को सीख लिया। तब से यहां पर मूर्ति बनाने का काम जारी है।
20 से लेकर 5 हजार रुपये तक मिलेगी मूर्ति
यहां के अधिकतर लोग पत्थर की मूर्तियां बनाते हैं, लेकिन कुछ ही ऐसे लोग हैं जो लकड़ी से देवी-देवताओं की मूर्ति बनाते हैं। उन्हीं में से एक कलाकार हैं सुनिल कुमार जो खुखड़ी गांव के रहने वाले हैं। अपने पिता से मूर्ति बनाने की कला सीखे हैं। सुनील अपने मूर्तियों को बोधगया में स्टॉल लगाकर बेचते है और विदेशी पर्यटक इनके मूर्ति को खूब खरीदकर ले जाते हैं। इनके पास 20 रुपया से लेकर 5 हजार रुपये तक के मूर्ति है। सुनिल बीटीएमसी कार्यालय के ठीक सामने स्टाल लगाते है और वहीं पर लकड़ी की मूर्ति बनाते हैं।
इस मूर्ति की है खूब डिमांड
सुनील बताते हैं कि हमारे गांव में वर्षों पहले राजस्थान से कारीगर आये थे। पहाड़ के पत्थर से मूर्ति बनाते थे। हमारे पिताजी जब उन्हे मूर्ति बनाते देखा तो वह भी इस कला को सीखा और उनसे हम इस कला को सीख विभिन्न तरह की मूर्तियां बनाते है। इन्होंने कहा विदेशी लोग उनके मूर्ति को खूब पसंद करते हैं। खासकर एक इंच की मूर्ति की खूब डिमांड है। इसकी मूल्य मात्र 20 रुपया है।