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बॉम्बे हाई कोर्ट : पहली शादी के अस्तित्व में रहते हुए दूसरी शादी के जरिए यौन संबंध बनाना माना जाएगा बलात्कार

 लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क !!  हमारे राष्ट्र में शादीशुदा होते हुए भी किसी और से विवाह करना कानूनी तौर पर गलत है वह विवाह गैरकानूनी मानी जाती है बॉम्बे उच्च न्यायालय ने साफ किया है कि पहली विवाह के अस्तित्व में रहते हुए दूसरी विवाह के जरिए यौन संबंध बनाना दुष्कर्म माना जाएगा ऐसा आचरण दुष्कर्म का क्राइम बनता है इसलिए आरोपी के विरुद्ध बलात्कार और व्यभिचार के इल्जाम में दर्ज एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता

दरअसल, एक स्त्री जो पहले विधवा थी, उसने कहा कि उसके पति की मौत के बाद एक ऐसे आदमी ने उससे संपर्क किया जिसे वह जानती थी उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपनी पत्नी के साथ डेटिंग नहीं कर रहे हैं तो यह उससे अलग हो जाएगा इसके बाद उन्होंने अपनी पहली विवाह के बावजूद 18 जून 2014 को मुझसे विवाह कर ली आरोपी दो वर्ष तक मेरे साथ रहा इस दौरान अक्सर शारीरिक संबंध बनाते हैं एक दिन उसने मुझे बेसहारा छोड़ दिया जिसके बाद पीड़िता ने 27 सितंबर 2019 को एफआईआर दर्ज कराई पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर कम्पलेन दर्ज कर ली है

ग्राहक ने सहमति से शादी किया और शारीरिक संबंध बनाए

आरोपी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर एफआईआर रद्द करने की मांग की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय को कहा कि मुवक्किल की विवाह के बाद उसने स्त्री के साथ सहमति से संबंध बनाए थे तो ये मुद्दा बलात्कार का नहीं है शिकायतकर्ता को पता था कि असिल ने 2010 में अपनी पहली पत्नी से तलाक के लिए दाखिल याचिका वापस ले ली थी ग्राहक ने पीड़िता को वित्तीय, सामाजिक और नैतिक सहायता प्रदान की है

पहली पत्नी के होते हुए भी दूसरी विवाह करना अवैध है

दलील सुनते हुए न्यायालय ने बोला कि हिंदू कानून पहली विवाह के बावजूद दूसरी विवाह की इजाजत नहीं देता है यदि एक से अधिक आदमी ऐसा करते हैं तो यह शादी के खिलाफ क्राइम होगा न्यायालय ने आरोपियों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने पहली विवाह के रहते हुए ही दूसरी विवाह कर ली थी इतना ही नहीं, उसने यह भरोसा दिलाकर स्त्री से शारीरिक संबंध बनाए कि वह अपनी पहली पत्नी को तलाक दे चुका है

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