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मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं के मंत्रों का जप करने से शुभ फलों की होगी प्राप्ति

Gupta Navratri Puja Mantra : वर्ष 2024 में 10 फरवरी से शुरुआत हुए गुप्त नवरात्र 18 फरवरी तक हैं इस समय मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं के मंत्रों का जप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से गुप्त नवरात्र शुरुआत हो चुके हैं

जिसमें मां दुर्गा के इन 10 महाविद्याओं की पूजा और आराधना की जाती है
काली,तारा,त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला

इन 10 महाविद्याओं का संबंध भिन्न भिन्न देवियों से हैं गुप्त नवरात्रि में रोजाना देवी आराधना के साथ ही उसके मंत्रों का जप किया जाता है तभी इच्छित फल की प्राप्ति होती है हर मंत्र को 108 बार कम से कम जपना चाहिए

मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं के लिए बीज मंत्र
देवी काली का बीज मंत्र : ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा:
मां तारा का बीज मंत्र : ऐं ॐ ह्रीं क्रीं हूं फट्
देवी त्रिपुर सुंदरी का बीज मंत्र : श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:
देवी भुवनेश्वरी का बीज मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्री

देवी छिन्नमस्ता का बीज मंत्र : श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा:
मां त्रिपुरभैरवी का बीज मंत्र : ह स: हसकरी हसे
धूमावती देवी का बीज मंत्र : धूं धूं धूमावती ठ: ठ:
मां बगलामुखी का बीज मंत्र : ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा:
मातंगी देवी का बीज मंत्र: श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा:
मां कमला देवी का बीज मंत्र : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:

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