कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को स्टूडेंट्स का रूटीन टेस्ट लेने की मिली अनुमति
मंगलवार को कोटा जिला प्रशासन ने कोचिंग इंस्टिट्यूट्स के लिए अगस्त में जारी किए निर्देश में परिवर्तन किया। अगस्त में प्रशासन ने कोचिंग इंस्टिट्यूट्स में स्टूडेंट्स के रूटीन टेस्ट पर रोक लगा दी थी। प्रशासन की तरफ से जारी की गई नयी गाइडलाइन में अब कोचिंग इंस्टिट्यूट्स को 21 दिनों के गैप से स्टूडेंट्स का रूटीन टेस्ट लेने की अनुमति दे दी गई है। टेस्ट के बाद स्टूडेंट्स को एक दिन ऑफ देना महत्वपूर्ण होगा। ये सर्कुलर कलेक्टर ओपी बुनकर की तरफ से जारी किया गया है।
चार घंटे में 2 स्टूडेंट्स ने ली थी जान
25 अगस्त को चार घंटों के अंदर NEET की तैयारी कर रहे दो स्टूडेंट्स ने कोटा में खुदकुशी की थी। 17 वर्ष के अविष्कार शंबाजी कासले ने जवाहर नगर में दिन में 3:15 बजे टेस्ट देने के बाद अपने इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के छठवें फ्लोर से कूदकर आत्महत्या की थी। करीब 4 घंटे बाद शाम को 7 बजे कुन्हाड़ी क्षेत्र में 18 वर्ष के आदर्श राज ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। आदर्श चार महीने पहले ही कोटा आए थे। वो किराए के मकान में रह रहे थे और NEET की तैयारी कर रहे थे।
2 महीने के लिए टेस्ट कंडक्ट करने पर लगाई थी रोक
इसके बाद इस वर्ष कोटा में पढ़ाई के प्रेशर में आत्महत्या करने वाले बच्चों की संख्या 22 तक पहुंच गई थी। लगातार बढ़ते खुदकुशी के मामलों को रोकने के लिए जिला कलेक्टर ने अगले 2 महीने तक रेगुलर बेसिस पर कोचिंग इंस्टिट्यूट्स में लिए जाने वाले टेस्ट कंडक्ट करने पर रोक लगा दी थी।
इस वर्ष अब तक 27 सुसाइड, ज्यादातर स्टूडेंट्स कुछ महीने पहले ही कोटा आए थे
कोटा में जनवरी से 10 अगस्त तक सुसाइड के 20 मुद्दे सामने आए हैं। इसके बाद 7 और स्टूडेंट्स ने खुदकुशी की। इनमें 13 स्टूडेंट्स को कोटा आए हुए दो-तीन महीने से लेकर एक वर्ष से भी कम समय हुआ था। सात स्टूडेंट्स ने तो डेढ़ महीने से लेकर पांच महीने पहले ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था। इनके अतिरिक्त दो मुद्दे सुसाइड की प्रयास के भी सामने आ चुके हैं।