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शनिदेव की पूजा करने में भूलकर भी ना करें ये गलती

सप्ताह के सातों दिन सनातन धर्म मेंकिसी नाकिसी देवी-देवता को समर्पित किए गए हैं उन्हीं में से एक शनिवार का दिन कर्म और इन्साफ के देवता शनिदेव को समर्पित किया गया धार्मिक ग्रंथों में शनिवार के दिन शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए निर्मल मन से पूजा करने के बारे में विस्तार से कहा गया है कहते हैं जो आदमी सच्चे मन से शनिदेव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करता है उसे अपने जीवन में कई शुभ रिज़ल्ट प्राप्त होते हैं

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक प्राचीन जगह शनिदेव का बना हुआ है यह जगह कई साल पुरानाहै शनिदेव का यह मंदिर जंगल में है जिस जंगल को जंगली नाथ के नाम से जाना जाता है यह जगह जंगलों के बीच हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे जनसंख्या बढ़ती गई और यहीं पर शनिदेव का मंदिर बना दिया गया

इस विधि से करें शनिदेव की पूजा
यदि आप शनिवार का व्रत करते हैं या फिर शनिवार का व्रत करना चाहते हैं तो उसके 1 दिन पहले से मांस मदिरा यहां तक कि तामसिक भोजन का सेवन छोड़ देंशनिवार के दिन सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करके शनिदेव के समक्ष पूजा और व्रत का संकल्प लें उसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर मन ही मन शनिदेव का ध्यान करते हुए सात परिक्रमा लगाएं इस दौरान पीपल के पेड़ में कच्चा सूट लपेटना शुभ माना गया है

जंगलो के बीच बना है यह मंदिर
ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर11 दिन शनि देव पर को कड़वा ऑयल अर्पित करताहैतो सारेकष्ट शनिदेव दूर कर देते हैं पुजारी कुलद्विवेदी ने कहा कि यह मंदिर16 वर्ष पुराना है यहां पर पहले जंगल हुआ करता था शनिवार केदिन काफी भक्तों की भीड़ होतीहैजो आदमी शनिवार का व्रत रखता है उसे मन, वचन और कर्म से पवित्र होना बहुत महत्वपूर्ण है इस दिन शनि देव की कथा सुनने से विशेष फायदा प्राप्त होता है शनिवार के दिन शाम के समय शनि देव की आरती करना बहुत महत्वपूर्ण है

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