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Hartalika Teej 2023: 17 या 18,जाने कब है हरतालिका तीज…

Hartalika Teej 2023 Date: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज व्रत रखा जाता है इस दिन महिलाएं ईश्वर शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं हरतालिका तीज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाई जाती है हरतालिका तीज को सबसे बड़ी तीज माना जाता है हरतालिका तीज से पहले हरियाली और कजरी तीज मनाई जाती हैं

पूजन के लिए प्रदोषकाल-

हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय मुनासिब समय माना गया है यदि किसी कारणवश सुबह पूजा कर पाना संभव नहीं है तो प्रदोषकाल में शिव-पार्वती की पूजा की जाती है तीज की पूजा सुबह स्नान के बाद और स्वच्छ वस्त्र पहनकर की जाती है शिव-पार्वती की प्रतिमा की वकायदा पूजन किया जाता है और हरतालिका व्रत कथा को सुना जाता है

हरतालिका तीज व्रत का महत्व-

हरतालिका तीज व्रत के पुण्य असर से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति की मान्यता है इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखकर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं कहते हैं कि इस व्रत को रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है

हरतालिका तीज व्रत 2023 कब है-

तृतीया तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर प्रारंभ होगी और 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर खत्म होगी उदयातिथि मान्य होने के कारण हरतालिका तीज 18 सितंबर को मनाई जाएगी

हरतालिका तीज व्रत 2023 शुभ मुहूर्त-

हरतालिका पूजन मुहूर्त 18 सितंबर को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 27 मिनट की है

हरितालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi)-

1. हरितालिका तीज में श्रीगणेश, ईश्वर शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है
2. सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और ईश्वर गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें
3. इसके बाद ईश्वर शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें
4. तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें
5. इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और ईश्वर शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं

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