साल 2024 में बुध ग्रह के 72 दिन चलेंगे उल्टी चाल, जानें इन राशियों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह को बुद्धि का देवता माना जाता है और ये चंद्र देव के पुत्र हैं। बुध को मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह कन्या राशि में उच्च के होते हैं और मीन राशि इनकी नीच राशि होती है। बुध ग्रह वाणी के कारक होते हैं। यह संचार, बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट, आदि क्षेत्रों के भी कारक ग्रह होते हैं। बुध ग्रह तर्कसंगत विचारों के स्वामी हैं। यह आदमी की बुद्धि पर आधिपत्य रखते हैं।
बुध विभिन्न प्रकार के करियर संबंधी विकल्पों के चयन में भी सहायक होते हैं, इसलिए बोला जाता है कि बुध की मजबूत स्थिति से जातक को जीवन में अपार कामयाबी मिलती है। आदमी शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करता है और अधिक तेज़ी से आगे बढ़ता है। यदि बुध ग्रह से प्रभावित आदमी जिज्ञासु हो तो जीवन में गहराइयों तक जाकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकता है।
कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में होने पर
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में विराजमान हो तो कई नकारात्मक रिज़ल्ट देखने को मिल सकते हैं। आदमी को मिर्गी के दौरे आना या त्वचा संबंधित अन्य समस्याएं महसूस हो सकती है।
ऐसे आदमी को अपने बिज़नेस में भी नुकसान के साथ अपनी बहन, बुआ और मौसी से संबंध भी बिगड़ जाते हैं। बुध के असर से जातक मीडियाकर्मी, पत्रकार, लेखक, व्यापारी, गणितज्ञ और अन्य संबंधित क्षेत्रों में करियर बनाने का फैसला ले सकता है। ऐसे सभी कार्य जिनमें बोलने और बुद्धि का इस्तेमाल हो, बुध ग्रह के भीतर आते हैं।
बुध के वक्री होने का अर्थ
बुध सहित प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समयावधि में सूर्य की चारों ओर परिक्रमा पूरी करता है। बुध सूर्य के सबसे निकट है इसलिए यह चंद्रमा के बाद सबसे तीव्र गति से चलने वाले भी माने जाते हैं। बुध ग्रह के तीन वर्ष पृथ्वी के एक वर्ष के लगभग बराबर होते हैं।
जब कोई ग्रह अपनी कक्षा में गति करते हुए सूर्य और पृथ्वी के साथ एक निकटतम बिंदु पर पहुंचता है तो पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह विपरीत चल रहा है और इस प्रकार उल्टी प्रतीत होने वाली गति को ही वक्री गति बोला जाता है, जब बुध ग्रह वक्री हालत में होता है तो इसकी स्थिति और भी अलग हो जाती है। बुध की वक्री गति लोगों के जीवन को प्रभावित करती है।
बुध वक्री 2024 तिथि और समय
बुध ग्रह 02 अप्रैल 2024 की सुबह 03 बजकर 18 मिनट पर मेष राशि से मीन राशि में वक्री करेंगे। बुध ग्रह मीन राशि में 25 अप्रैल 2024 तक वक्री हालत में रहेंगे, इसके बाद बुध ग्रह 05 अगस्त 2024 की सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर सिंह राशि से कर्क राशि में वक्री होंगे और 29 अगस्त 2024 कर्क राशि में उल्टी चाल चलेंगे। 26 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 16 दिसंबर 2024 तक वृश्चिक राशि में बुध ग्रह वक्री रहेंगे।
वक्री बुध के नकारात्मक असर से बचने के ज्योतिषीय उपाय
- बुध देव को प्रसन्न करने के लिए बुध ग्रह के बीज मंत्र-‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का रोजाना निश्चित संख्या में जाप करना अत्यधिक फलदायी साबित होगा।
- 2024 में बुध के वक्री होने पर शुभ फल प्राप्त करने के लिए गाय की सेवा करें। गाय को पालक या हरी सब्जियां खिलाएं और नियमित रूप से गौशाला में दान दें।
- बुध देव को प्रसन्न करने के लिए राधा-रानी या राधा कृष्ण की शरण लें या उनके बीज मंत्र का जाप करके बुध की कृपा प्राप्त कर सकेंगे।
- बुधवार के दिन ईश्वर गणेश की पूजा करें, इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास और मोदक का भोग लगाना अत्यंत फलदायी होगा।
- बुध वक्री होकर बुरे रिज़ल्ट प्रदान कर रहे हैं या कुंडली में बुध की महादशा चल रही है तो उन्हें अपनी नाक छिदवानी चाहिए।
- बुध की कृपा पाने के लिए जातक को बुधवार के दिन पौधारोपण अभियान अपनाना चाहिए और मौजूदा पौधों की मुनासिब देखभाल करनी चाहिए।
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