लाइफ स्टाइल

IRS बने अफसर अंजनी कुमार पांडेय ने बताया, UPSC में हो रहे हैं बार-बार फेल तो…

आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और आईएफएस अधिकारी बनने का स्वप्न लेकर हर वर्ष करीब 9 से 10 लाख युवा यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में बैठते हैं लेकिन इनमें से केवल 15 हजार के आसपास ही मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं. कइयों से तो कई अटेम्प्ट देने के बाद भी प्रीलिम्स तक नहीं निकलता. जबकि कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो पिछले प्रयासों में साक्षात्कार और मेन्स तक पहुंचने के बावजूद प्रीलिम्स में मात खा जाते हैं. आईआरएस अधिकारी अंजनी कुमार पांडेय ने ऐसे अभ्यर्थियों की उलझन सुलझाने का कोशिश किया है जो अपने शुरुआती प्रयासों में बार बार असफल हो रहे हैं. अंजनी कुमार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2009 में 314वीं रैंक हासिल कर आईआरएस अधिकारी बने थे.

आईआरएस अधिकारी अंजनी कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कहा, ‘मैं अपने पहले कोशिश में असफल रहा था क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिया था. मैं अपने दूसरे कोशिश में भी असफल रहा यद्यपि कि मैंने बहुत अच्छी पढ़ाई की थी. मैं अपने तीसरे कोशिश में भी असफल हो गया था हालांकि मुझे परीक्षा में रैंक की आशा थी. अपने पिछले तीन प्रयासों से कुछ न कुछ सीखने के बाद मैंने चौथे कोशिश में कामयाबी प्राप्त की. यूपीएससी या जीवन की किसी भी परीक्षा में असफल होना ठीक है. अंततः चयनित होने वाले अधिकतर अभ्यर्थी पहले कोशिश या अपने किसी भी कोशिश में असफल रहते हैं. वास्तव में 50 फीसदी से अधिक को यूपीएससी पास करने के लिए 3 से 4 कोशिश करने पड़ते हैं.

सवाल यह है कि असफल होने के बाद क्या करना चाहिए…. 

1.  अंकों का विश्लेषण – यूपीएससी में मार्क्स आपको आपकी स्थिति और प्रगति के बारे में सूचित करते हैं. पिछले कोशिश में प्राप्त अंकों का विश्लेषण करें और उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें जिनमें आपको कम अंक मिले हैं. उदाहरण के लिए मुझे सामान्य शोध में कम अंक/ औसत स्कोर मिल रहे थे, तो मैंने सामान्य शोध पर काम किया. मुझे निबंध में हमेशा कम कोशिश से अच्छे अंक प्राप्त होते थे, इसलिए मैंने निबंध में अधिक अंक प्राप्त करने के बारे में सोचा क्योंकि यह मेरा मजबूत क्षेत्र था. उन सभी मजबूत क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें जहां आप बहुत कम प्रयासों के साथ बहुत अधिक अंक प्राप्त कर सकते हैं. मैं इतिहास वैकल्पिक और निबंध में बहुत अच्छा स्कोर करता था, इसलिए मैंने अपने सबसे मजबूत क्षेत्रों में उच्चतम स्कोर करने का लक्ष्य रखा.

2.  मुख्य परीक्षा श्रृंखला और उत्तर अभ्यास – अपनी असली प्रगति को समझने के लिए मुख्य परीक्षा के लिए एक अच्छी  टेस्ट श्रृंखला जरूरी है. एक ठीक कॉपी जांचने वाले गुरु और ठीक फीडबैक के साथ टेस्ट कॉपी बहुत महत्वपूर्ण है ताकि कोई वास्तव में अपने उत्तरों पर ईमानदारी से काम कर सके और उत्तर सुधार सके. इसलिए, मुख्य परीक्षा में बैठने से पहले अच्छी तरह से अभ्यास करें और अच्छा लिखें. सिर्फ़ पढ़ने का कोई मतलब नहीं है, जब आप इसे असली परीक्षा में दोबारा नहीं दोहरा सकते.

3. आपके उत्तरों की प्रस्तुति –  मुख्य परीक्षा में आप जो भी लिखें उसे अच्छे से प्रस्तुत करना चाहिए.  यूपीएसी में आपको न सिर्फ़ सभी बिंदुओं को अच्छे से कवर करना होगा, बल्कि यह भी देखना होगा कि आपने सभी बिंदुओं को अच्छे से प्रस्तुत भी किया है. चाहे सामान्य उत्तर लिखें लेकिन सभी बिंदुओं को कवर करना अच्छा है.  उत्तरों को समूहों या बिंदुओं या पैराग्राफों या रेखाचित्रों में प्रस्तुत करना उत्तरों की गुणवत्ता को समृद्ध कर सकता है. एक परीक्षक को यह साफ रूप से देखने में सक्षम होना चाहिए कि उत्तर में सभी बिंदु शामिल हैं.

4. रखें भाग्य बहादुरों का साथ देता है – यूपीएससी परीक्षा एक जुआ की तरह है. मैं पर्सनल रूप से मानता हूं कि टॉपर और उस आदमी के बीच शायद ही कोई अंतर है जो मेन्स या इंटरव्यू के लिए मौजूद हुआ लेकिन आखिरी सूची में स्थान बनाने में असफल रहा.

व्यक्तिपरकता के कारण भाग्य कारक बहुत अर्थ रखता है. लेकिन यह भी सच है कि कोशिश कई होते हैं और यदि कोई कड़ी मेहनत करता रहता है, तो आम तौर पर एक दिन उसका चयन जरूर होता है या जीवन के किसी और क्षेत्र में कामयाबी जरूर मिलती है.

यूपीएससी किसी भी अन्य परीक्षा की तरह ही है, और इसे ऐसा ही रहने दें. जीवन यूपीएससी से भी बड़ी है. यदि यूपीएससी नहीं हुआ तो कुछ बेहतर आपका प्रतीक्षा कर रहा है

एक अन्य ट्वीट में आईआरएस अधिकारी ने लिखा, ‘यूपीएससी परीक्षा कभी भी 3/6/9 महीने में क्लियर नहीं की जा सकती है…. 

1. इस परीक्षा के लिए कम से कम 2 से 3 वर्ष की जरूरत होती है, भले ही इस धरती का सबसे तेज़ दिमाग भी इस परीक्षा को देने के लिए आ जाये.

2. कई टॉपर्स पब्लिसिटी एंड अटेंशन ध्यान और प्रचार की चाहत में यह कहते हैं कि “मैंने  सिर्फ 6 महीने पहले पढ़ाई की थी.”  चयन होने के बाद कभी-कभी टॉपर्स जोश में ऐसी बातें कर जाते हैं जो एक मानव स्वभाव है, ऐसी बातों पर एकदम विश्वास मत करिए.

3. यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा है. यहां या जीवन में कहीं भी कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. यह कभी न मानें कि केवल 5-6 घंटे की पढ़ाई आपको यूपीएससी क्लियर करने में सहायता करेगी. जून से फरवरी तक प्रतिदिन 8-10 घंटे, मार्च से प्रारंभिक परीक्षा तक रोजाना 10-12 घंटे, मुख्य परीक्षा तक 12-14 घंटे पढ़ना ही पढ़ेगा.

Related Articles

Back to top button