बांकेबिहार मंदिर में इस दिन मनाया जाएगा जन्माष्टमी का त्योहार
janmashtami 2023 date Laddu gopal: जन्माष्टमी व्रत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल बोला जा रहा है कि जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर किसी भी दिन की जा सकती है। लेकिन अधिकांश ज्योतिषाचार्य 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी मनाने को लेकर शुभ समय बता रहे हैं, क्योंकि इस दिन रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि दोनों रात को हैं, इसलिए ग्रहस्थ लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे, वहीं मथुरा और बांकेबिहार मंदिर में 7 सितंबर को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। 7 सितंबर को अष्टमी तिथि दोपहर को ही खत्म हो जाएगी। ये तो बात हुई व्रत रखने की तिथि की, अब हम बात करते हैं लड्डू गोपाल, जिनके लिए व्रत रखा जाता है। यदि आप लड्डू गोपाल को घर लाना चाहते हैं, तो जन्माष्टमी की तारीख सबसे अच्छी है। दरअसल जन्माष्टमी के दिन के अतिरिक्त भी सभी लोग लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं। घर में लड्डू गोपाल की स्थापना करने का मतलब है कि प्रतिदिन उनको भोग लगाना और घर के परिवार के सदस्य की तरह उन्हें मानना।
कहते हैं कि घर में लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख समृद्धि आपके घर आती है और घर में सकारात्मक वातावरण बना रहता है। यदि आप भी लड्डू गोपाल की प्रतिदिन विधि से पूजा करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको बता दें कि लड्डू गोपाल को घर में रखने के कुछ नियम हैं। घर में यदि लड्डू गोपाल विराजमान कर रहे हैं, तो उन्हें प्रतिदिन स्नान कराना और उनके वस्त्र बदलने होते हैं, इसके अतिरिक्त उनकी रोज दो बार आरती, चार बार भोग लगाना महत्वपूर्ण है। सुबह उन्हें उठाना और रात को उन्हें सुलाना भी महत्वपूर्ण है। एक तरह से घर के सदस्य की तरह ही उनकी देखभाल की जाती है। यदि आप कहीं बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें भी साथ लेकर जाएं।
Janmashtami mantra: ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
जन्माष्टमी भोग
मेवा पाक
पंजीरी
धनिया की पंजीरी
माखन मिश्री
चरणामृत
पूजा सामग्री
धूप बत्ती,
कपूर, केसर, चंदन,
अक्षत,
हल्दी, आभूषण, नाड़ा,
रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला,
खड़ा धनिया,
पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल,
शुद्ध घी, दही, दूध, नैवेद्य मिठाई, खीरा, पांच फल
छोटी इलायची, लौंग मौली, सिंहासन, बाजोट या झूला (चौकी, आसन),
केले के पत्ते, ईश्वर के वस्त्र,
जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा,
दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, नारियल, चावल, लाल कमल के फूल
शुभ मुहूर्त-
अष्टमी तिथि शुरू – सितम्बर 06, 2023 को 03:37 पी एम
अष्टमी तिथि खत्म – सितम्बर 07, 2023 को 04:14 पी एम
रोहिणी नक्षत्र शुरू – सितम्बर 06, 2023 को 09:20 ए एम
रोहिणी नक्षत्र खत्म – सितम्बर 07, 2023 को 10:25 ए एम
शुभ मुहूर्त 6 की रात 11: 57 बजे प्रारम्भ होगा।
12 बजे ईश्वर कृष्ण का जन्म कराया जाता है। इसके लिए जन्माष्टमी की रात्रि 12:00 बजे खीरे को दो भागों में काटकर अलग किया जाता है। जिस प्रकार जन्म के समय बच्चों को गर्भनाल काटकर मां से अलग किया जाता है, इसलिए खीरा जन्माष्टमी पूजन में जरूर रखा जाता है। इसके बाद ईश्वर कृष्ण को माखन मिश्री और पंजीरी का भोग लगाते हैं। उन्हें झूला झुलाते हैं।