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JN.1 :डब्ल्यूएचओ ने किया अलर्ट, क्या फिर होगी बूस्टर वैक्सीन की जरूरत…

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मुद्दे हिंदुस्तान सहित दुनिया के अनेक राष्ट्रों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं ओमिक्रॉन के BA.2.86 के म्यूटेटेड रूप JN.1 सब-वैरिएंट के कारण अचानक से संक्रमण में उछाल आई है अध्ययनों में इस सब-वैरिएंट को वैक्सीन से बनी  प्रतिरक्षा से बचाव करते हुए तेजी से संक्रमण फैलाने वाला पाया गया है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को साक्षा किए गए आंकड़ों के अनुसार हिंदुस्तान में एक दिन में 656 नए मुकदमा सामने आए हैं, इसके चलते सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,742 हो गई है केरल और कर्नाटक दो राज्यों में संक्रमण के सबसे अधिक मुद्दे रिपोर्ट किए जा रहे हैं

इस बीच राष्ट्र में संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए महाराष्ट्र के मंत्री संजय बनसोडे ने स्वास्थ्य ऑफिसरों को सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है तो क्या नए वैरिएंट के कारण गंभीर रोगों का खतरा हो सकता है? क्या डेल्टा वैरिएंट जैसी एक और लहर आने की संभावना है, आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं

डब्ल्यूएचओ ने किया अलर्ट

कोविड सब-वैरिएंट JN.1 के कारण बढ़ते अंतरराष्ट्रीय जोखिम को देखते हुए डब्ल्यूएचओ (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया के राष्ट्रों को गंभीरता से सावधानी बरतने की राय दी है डब्ल्यूएचओ ने सभी लोगों से सुरक्षात्मक तरीका करते रहने का आग्रह किया

अधिकारियों ने विज्ञप्ति में कहा, Covid-19 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादातर राष्ट्रों में बढ़ता देखा जा रहा है हालांकि वर्तमान साक्ष्य से पता चलता है कि JN.1 के कारण स्वास्थ्य जोखिम कम है फिर भी जिस गति से ये संक्रमण को बढ़ा रहा है उसने जरूर चिंता बढ़ाई है

JN.1 के कारण गंभीर रोगों का खतरा?

देश में बढ़ते संक्रमण के ज्यादातर मुद्दे JN.1 सब-वैरिएंट्स से संबंधित माने जा रहे हैं इस वैरिएंट के बारे में एम्स दिल्ली में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर चिकित्सक नीरज निश्चल ने एक रिपोर्ट में कहा, कई राज्यों में लोग Covid-19 के JN.1 सब-वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं हालांकि रोगियों के लक्षण हल्के ही देखे गए हैं, इसलिए घबराने की नहीं बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है

JN.1 वैरिएंट से संक्रमित अधिकांश लोगों में बहती नाक, गले में खराश और सूखी खांसी जैसे हल्की लक्षण सामने आए हैं जो लोग पहले से ही दिल रोग, डायबिटीज, कैंसर या फिर एचआईवी जैसी रोंगों के शिकार हैं, उनमें कोविड-19 संक्रमण की स्थिति गंभीर रोगों का कारण बन सकती है

संक्रमितों में मृत्यु का जोखिम

कोरोना के नए वैरिएंट के कारण लगभग आठ महीने बाद राष्ट्र में संक्रमण में उछाल आया है दैनिक आंकड़ों में मृतकों की संख्या भी सामने आ रही है, शनिवार को कोविड-19 से चार लोगों की मृत्यु हुई है हालांकि स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, संक्रमण के कारण मौत का जोखिम केवल उन्हीं लोगों में देखा जा रहा है जिनको कोमोरबिडिटी की परेशानी है या फिर जिन लोगों की बीमारी प्रतिरोधक क्षमता एकदम कमजोर है राष्ट्र में व्यापक टीकाकरण के चलते ज्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो जा रहे हैं अध्ययनों में पाया गया है कि टीकाकरण करा चुके लोगों में कोविड-19 के कारण गंभीरता विकसित होने का जोखिम कम है

फिर होगी बूस्टर वैक्सीन की जरूरत?

कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच, इण्डिया SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के प्रमुख डाक्टर एनके अरोड़ा ने बोला कि इस वैरिएंट से बचाव के लिए टीके की कोई अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता नहीं है लोगों में वैक्सीनेशन से जो प्रतिरक्षा विकसित हुई है, वो उन्हें गंभीर रोग-अस्पताल में भर्ती होने का जोखिमों से बचाने में मददगार है

हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में बोला जा रहा है कि नया वैरिएंट शरीर की प्रतिरक्षा को सरलता से चकमा देने में सफल हो रहा है इससे सुरक्षित रहने के लिए स्वास्थ्य जानकार सभी लोगों को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने और मास्क पहनने की राय देते हैं

 

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