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ऐसे रखें जन्माष्टमी का व्रत, कृष्ण की पूजा में शामिल करें ये चीजें

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है इस दिन ईश्वर श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है यदि आप भी कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाने जा रहे हैं, तो पूजा में कुछ सामग्री को जरूर शामिल करना चाहिए आइए यहां पर जानते है पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट…

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री जन्माष्टमी का पर्व

धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा और दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, सही घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन जरुर रखें

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री

इसके साथ ही बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गणेशजी की तस्वीर, अम्बिका जी की तस्वीर, ईश्वर के वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने के लिए वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने के लिए वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब और लाल कमल के फूल, दूर्वा, अर्घ्य पात्र आदि शामिल है

जन्माष्टमी व्रत और पूजन विधि

  • कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का पूजन होता है
  • इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सभी देवताओं को नमस्ते करके व्रत का संकल्प लें
  • फिर मध्यान्ह के समय काले तिलों को जल में छिड़क कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं
  • अब इस सूतिका गृह में सुन्दर बिछौना बिछाकर उस पर शुभ कलश स्थापित करें

जन्माष्टमी व्रत और पूजन विधि

  • इस दिन ईश्वर श्रीकृष्ण के साथ माता देवकी जी की मूर्ति भी स्थापित करें
  • देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम लेते हुए वकायदा पूजन करें
  • यह व्रत रात में बारह बजे के बाद ही खोला जाता है
  • इस व्रत में अनाज का इस्तेमाल नहीं किया जाता
  • फलहार के रूप में कुट्टू के आटे की पकौड़ी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवे का सेवन कर सकते हैं

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