विश्वकर्मा पूजा से पहले जान लें ये जरूरी नियम
देवताओं के शिल्पकार कहे जाने वाले ईश्वर विश्वकर्मा के जयंती (Vishwakarma Jayanti 2023) की तैयारियां आखिरी दौर में हैं। 17 सितंबर (रविवार) को ईश्वर विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाएगी।
इस दिन देशभर के फैक्ट्री,कारखानों और निर्माण काम से जुड़े प्रतिष्ठानों पर पूरे हर्षोल्लास के साथ उनकी जयंती मनाई जाएगी और लोग पूरे विधि विधान से उनकी प्रतिमा स्थापित कर पूजा करेंगे। आइए जानते है ईश्वर विश्वकर्मा के पूजा और स्थापना की आसान विधि क्या है।
काशी के ज्योतिषी से जानें आसान विधि
काशी (Kashi) के विद्वान स्वामी कन्हैया महाराज ने बोला कि बिना किसी अर्चक के भी आप अपने फैक्ट्री और प्रतिष्ठानों पर ईश्वर विश्वकर्मा की पूजा कर सकते हैं।
# विश्वकर्मा जयंती के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें।
# इसके बाद ईश्वर विश्वकर्मा को स्थापित करने के लिए चौकी पर पीला वस्त्र बिछाए।
#उसके बाद ईश्वर विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर को उसपर स्थापित करें।
# इसके बाद उन्हें हल्दी,अक्षत,पान,सुपारी,पुष्प,फल,मिठाई और रक्षासूत्र चढ़ाए।
#इसके बाद फैक्ट्री या दुकान में रखे औजार पर रक्षा सूत्र बांधे और उसपर रोली,अक्षत और पुष्प अर्पित कर ईश्वर विश्वकर्मा के सामने रखे।
# इसके बाद एक कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर।उसमे जलभर उसपर अखंड दीप जलाए।
# इसके बाद ‘ॐ अन्तनम नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
#इसके बाद धूप,अगरबत्ती और दीप से ईश्वर विश्वकर्मा की आरती उतारे।
# पूजा के बाद ईश्वर विश्वकर्मा का प्रसाद जरूर लोगों को बांटे।