जानें, क्या हैं खरमास और कैसे हुई शुरुआत, जानें इसके पीछे की पौराणिक कथा
हिन्दू धर्म में खरमास के महीने में विवाह -विवाह नहीं होता इसके साथ ही कई अन्य मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाती है। जैसे कि मुंडन, गृह प्रवेश, शिलान्यास जैसे शुभ कार्य प्रतिबंधित हो जाते हैं। 16 दिसंबर से प्रारम्भ खरमास की समापन वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के साथ 15 जनवरी को होगी। आखिर क्या है खरमास और कैसे हुई शुरूआत इसके पीछे पौराणिक कथा जुड़ी है ।।
मार्कण्डेय पुराण के मुताबिक सूर्य अपने सात घोड़ों के रथ पर बैठ कर पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। इस परिक्रमा के दौरान सूर्य का रथ एक क्षण के लिए भी नहीं रुकता। लेकिन लगातार चलते रहने से तथा सूर्य की गरमी से घोड़े प्यास और थकान से व्याकुल होने लगे। घोड़ों की यह दयनीय हालात देखकर सूर्य देव उन्हें आराम देने के लिए और उनकी प्यास बुझाने के उद्देश्य से रथ रुकवाने का विचार करते हैं।लेकिन उन्हें अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण हो आता है कि वे अपनी इस अनवरत चलने वाली यात्रा में कभी आराम नहीं लेंगे।विचार करते हुए सूर्य देव का रथ आगे बढ़ रहा था। तभी सूर्य को एक तालाब के पास दो खर (गधे) दिखाई दिए। उनके मन में विचार आया कि जब तक उनके रथ के घोड़े पानी पीकर आराम करते हैं, तब तक इन दोनों खरों को रथ में जोतकर आगे की यात्रा जारी रखी जाए ।आगे की कहानी के लिए देखें वीडियो