लाइफ स्टाइल

जाने कब है विवाह पंचमी और इसका महत्व

देवघरमार्गशीर्ष का महीना ईश्वर विष्णु को समर्पित रहता है इस महीने मे आने वाले सभी तरह के व्रत और त्यौहार बहुत भी खास महत्व होता है वहीं हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को शादी पंचमी का त्यौहार मनाया जाता हैधार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ईश्वर राम और माता सीता का शादी हुआ था इसलिए इस दिन ईश्वर राम और माता सीता के शादी का वर्षगाठ के रूप मे इस दिन को मनाते आरहे है कई सारे राम मंदिरो मे इस पर्व को धूम धाम से मनाते है इसके साथ हीं घर मे ईश्वर राम और माता सीता की पुजा भी करते है तो आइये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है कि कब है शादी पंचमी और क्या है इसका महत्व?

देवघर के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित नन्दकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को कहा कि शादी पंचमी हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथी को मनाया जाता है इस वर्ष शादी पंचमी का त्यौहार 17 दिसंबर को मनाया जाएगा कही दूसरे राज्य में इस दिन नाग पंचमी का भी त्यौहार मनाया जाता है इस दिन विधि विधान के साथ ईश्वर राम और माता सीता की पुजा आराधना करनी चाहिए इससे ईश्वर राम प्रशन्न होकर भक्त की इच्छा जल्द पूर्ण करते है

कब प्रारम्भ हो रही पंचमी तिथि
मार्गशीर्ष महीने के पंचमी तिथिकी आरंभ 16 दिसंबर को रात के 08 बजकर 16 मिनट से प्रारम्भ हो रहीहै और खत्म अगले दिन यानी 17 दिसंबर को रात 07 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है इसलिए उदयातिथिके मुताबिक शादी पंचमी का पर्व 17 दिसंबर को मनाया जाएगा

कुंवारी कन्या इस दिन करे ये उपाय
जिस भी कुंवारी कन्या के शादी मे अर्चन पैदा हो रहा है यदि वो कन्या शादी पंचमी के दिन कुछ तरीका कर लेते है यह उनको ईश्वर राम जैसा आदर्शपति मिलेगा शादी पंचमी के दिन कुंवारी कन्या ईश्वर राम और माता सीता की पुजा कर ॐ जानकी वल्ल्भाय नमः के मंत्रो का जाप 108बार करे इससे आपके शादी मे आने वाले अर्चन दूर हो जायेगी

इस दिन क्या ना करें
विवाह पंचमी के दिन भूलकर भी विवाह शादी ना करे इसके साथ हीं तामसिक भोजन एकदम भी नहीं करनी चाहिए इससे आपके जीवन पर नकरात्मक असर पड़ सकता है

Related Articles

Back to top button