शादी में दूल्हे के जूते क्यों छुपाये जाते हैं,जाने …
लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। भारतीय शादियाँ अपने रीति-रिवाजों के कारण विदेशों में भी मशहूर हैं, इसलिए कई विदेशी केवल विवाह देखने के लिए यहाँ आते हैं। विभिन्न समाजों और धर्मों की मान्यताएं और मान्यताएं यहां की शादियों की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। इसी वजह से शादियों में एक से अधिक रस्में शामिल होती हैं, इतना ही नहीं इसे एक उत्सव की तरह मनाया जाता है ताकि यह हर किसी के लिए एक यादगार पल बन सके। लेकिन ऐसे में हममें से ज्यादातर लोग रीति-रिवाजों की गंभीरता को नहीं समझते हैं। अब चाहे हल्दी और वरमाला हो या फिर जूता चुराई की रस्म जो हर विवाह में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ की जाती है।
ऐसे में आज हम आपको जूता चोरी प्रथा से जुड़े रोचक तथ्य बता रहे हैं, जो शायद आप पहले भी जानते होंगे। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि यह रस्म केवल पैसे और मौज-मस्ती के लिए नहीं की जाती, जो आज इसकी एकमात्र पहचान बन गई है।
जूता चोरी की रस्म कैसे निभाई जाती है?
हालाँकि दुल्हन की बहनें और सहेलियाँ हमेशा दूल्हे के जूते चुराने की प्रयास करती हैं, लेकिन उन्हें यह मौका तभी मिलता है जब वह मंडप में पहुँचता है। क्योंकि यहां पंडित मंत्रोच्चारण करके विवाह कराते हैं इसलिए दूल्हे को जूते उतारकर बैठना पड़ता है। इस बिंदु पर दुल्हन जूते चुरा लेती है और उन्हें वापस करने या दूल्हे की इच्छानुसार कुछ भी करने के लिए पैसे की मांग करती है। पूरा अनुष्ठान मौज-मस्ती, चुटकुलों और बुद्धि से भरपूर है। क्योंकि दूल्हे के दोस्त जूते बचाने की प्रयास करते हैं।
दूल्हे के जूते क्यों छुपाये जाते हैं?
वैसे तो जूते छुपाना एक बहुत ही दिलचस्प रस्म है लेकिन इसे करने के पीछे एक गंभीर कारण है। ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान दूल्हे की बुद्धिमत्ता और धैर्य को सुनिश्चित करता है। इसे इस तरह से देखा जा सकता है कि वह बिना किसी को चोट पहुंचाए अपने जूते वापस ले लेता है। यदि दूल्हा तुरंत भाभी की मांग मान लेता है तो माना जाता है कि वह बहुत सीधा है और अपने लोगों को खुश रखना जानता है। वहीं, जो आदमी बिना कुछ दिए, बिना किसी को हानि पहुंचाए चतुराई से अपना जूता वापस ले लेता है, वह बहुत चतुर माना जाता है।
जूते ही क्यों चोरी होते हैं?
दूल्हे की पहचान उसकी पगड़ी, तलवार और जूतों से होती है। लेकिन केवल जूते ही चोरी होते हैं, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि जूते आदमी के चरित्र को खुलासा कर देते हैं। ऐसा माना जाता है कि किसी के जूते से उसके चरित्र का पता लगाया जा सकता है। वहीं पगड़ी और तलवार सम्मान और बहादुरी का प्रतीक हैं, इन्हें खोना किसी भी आदमी के लिए अपमानजनक होता है और यह उसकी मूर्खता और ढिलाई को भी दर्शाता है। इसलिए खासतौर पर विवाह के मौके पर भाभी जूते ही चुराती हैं।
इसका कारण पर्यावरण को खुशनुमा बनाना भी है
दाम्पत्य जीवन में विदाई सबसे भावनात्मक समय होता है। ऐसे में इस अनुष्ठान के जरिए माहौल को खुशनुमा बनाने की प्रयास की जाती है। जहां लड़की का परिवार दूल्हे पर उनकी मांग मानने के लिए जोर-शोर से दबाव डालता है, वहीं लड़के का परिवार कम से कम मूल्य पर जूता वापस पाने की प्रयास करता है। इस दौरान एक-दूसरे पर खूब मस्ती की जाती है, जिससे सभी हंसते हैं।