सावन का आखिरी सोमवार और प्रदोष व्रत कल जानें पूजा विधि
सावन मास का अंतिम सोमवार शिव भक्तों के लिए बहुत खास है। इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहा है। क्योंकि शिव भक्तों को सावन सोमवार व्रत के साथ प्रदोष व्रत का भी फल मिलेगा। इस दिन शिव भक्त एक साथ सावन सोमवार और प्रदोष व्रत की पूजा कर सकेंगे। वहीं पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण महादेव की पूजा करने के बाद शुभ संयोग में करने का सौभाग्य भक्तों को प्राप्त होगा।
सावन सोमवार का व्रत कल
मान्यता है की सावन के सोमवार का व्रत रखने और पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। ऐसे में महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास अब सावन मास का अंतिम सोमवार बचा हुआ है। इसलिए इस दिन आपको विशेष पूजा आराधना करनी चाहिए
आखिरी सावन सोमवार 2023
वेद प्रकाश शास्त्री ने कहा कि इस वर्ष सावन का 8वां और अंतिम सोमवार व्रत 28 अगस्त को है। इस दिन खास संयोग बन रहे हैं। सावन के अंतिम सोमवार पर सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण होगा। इसके साथ ही इसी दिन सोम प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है। इस दिन जलाभिषेक करने पर शिव भक्त को महादेव की विशेष कृपा मिलेगी।
आठवां सावन सोमवार शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक 28 अगस्त को शाम 06 बजकर 22 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि की आरंभ हो जाएगी। ऐसे में आप सुबह सावन सोमवार व्रत की पूजा के साथ ही शाम को प्रदोष व्रत की पूजा भी कर सकते हैं। इस दिन सुबह पूजा का मुहूर्त 09 बजकर 09 से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 02 तक है।
सावन के अंतिम सोमवार पर ऐसे करें महादेव की पूजा
सावन मास के अंतिम सोमवार पर सुबह स्नान के बाद व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें। सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें। फिर गंगाजल या दूध से शिवजी का अभिषेक करें। इसके बाद ईश्वर शिव शम्भू को को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें।
शिव चालीसा का पाठ जरुर पढ़ें
शिव जी शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें। फिर शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें। आखिर में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें। वहीं शाम को प्रदोष व्रत की पूजा भी करें। जिससे आपको एक साथ सावन सोमवार और प्रदोष व्रत का फल मिलेगा।