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ताजमहल को बनाने वाले कारीगर कौन थे, आइए जानें

आगरा यूपी राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध शहर है यह शहर अपनी ऐतिहासिकता, संस्कृति और प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए विख्यात है आगरा मुग़ल सम्राट अकबर और उसके बादशाह जहांगीर और शाहजहां के समय मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रहा है आज हम आपको बताएंगे ताजमहल के बारे में ताजमहल उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध मकबरा है यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है ताजमहल विश्व प्रसिद्धता के लिए जाना जाता है यह हिंदुस्तान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है यह मकबरा मुग़ल सम्राट शाहजहां की पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया गया था

ताजमहला का निर्माण कब हुआ था

ताजमहल का निर्माण सन् 1632 से 1653 तक चला और इसे उस समय के अद्वितीय मुग़ल वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है यह लाल किले के नजदीक यमुना नदी के किनारे स्थित है ताजमहल का निर्माण उस समय शाहजहां द्वारा प्रारम्भ किया गया था, जब उनकी पत्नी मुमताज़ महल ने अपनी मौत के पश्चात उनसे एक वादा किया था कि उसकी याद में दुनिया का सबसे सुंदर मकबरा बनाया जाए ताजमहल के निर्माण में लाल पत्थर, सफेद मार्बल, पीतल, सोना, नीलम, मोती, मकरानी पत्थर और अन्य रत्नों का इस्तेमाल किया गया है

ताजमहल कितने वर्ष में बना था

ताजमहल के निर्माण में कुल मिलाकर लगभग 22 वर्ष का समय लगा था निर्माण का कार्य 1632 ईस्वी में प्रारम्भ हुआ और 1653 ईस्वी में पूरा हुआ इसके दौरान लगभग 20,000 मजदूरों, शिल्पकारों, वास्तुकारों और कारीगरों का सहयोग था यह लंबे समय तक मेहनतपूर्वक और मेहनत से बनाया गया है, जो इसे एक आदर्श आर्किटेक्चर मास्टरपीस बनाता है

ताजमहल को बनाने में मुख्य रूप से एक बड़ी कारीगर टीम शामिल थी, जिसमें कई महान कारीगर शामिल थे प्रमुख वास्तुकार और निर्माणकर्ता थे उस्ताद अहमद लाहौरी, एक आदर्श मुग़ल वास्तुकार जिन्होंने ताजमहल की नक्काशी और निर्माण की संरचना का व्यवस्था किया था उन्होंने ताजमहल की अद्वितीय आर्किटेक्चरल शैली का निर्माण किया और मुग़ल संस्कृति और स्थापत्यकला के साथ-साथ परम्परागत भारतीय शैली को भी शामिल किया साथ ही इस कार्य में अन्य कारीगर भी शामिल थे, जो उनके प्रतिष्ठित सहायक थे और निर्माण के विभिन्न पहलुओं में सहायता करते थे

इसमें आवासीय और गैर-आवासीय कारीगर, मार्बल कटाई करने वाले कारीगर, संगमरमर कारीगर, रंगीन सिलाई करने वाले कारीगर, नक्काशी करने वाले कारीगर, ज्योतिर्मय कलाकार और गहन शिल्पियों की टीम शामिल थी उन्होंने संगमरमर और पत्थर पर नक्काशी, ज्योतिर्मय कला, सुरंगेबांधी वास्तुकला, चांदी कारीगरी, रंगीन सिलाई और सुनहरी कारीगरी की कामगारी की ताजमहल की सुंदरता, नक्काशी और गहन शिल्पकला उन कारीगरों की मेहनत और कौशल का प्रतीक है, जिन्होंने इस महान भव्यतम भवन का निर्माण किया

ताजमहल बनाने के लिए मजदूर कहां से आए थे

बताया जाता है ताजमहला बनाने के लिए अधिकांश मजदूर कन्नौज के हिंदू थे वहीं इनमें राजमिस्त्री, पत्थर काटने वाले, बढ़ई, चित्रकार और अन्य कारीगरों को मुगल सम्राज्य, मध्य एशिया और ईरान से बुलाया था

ताजमहल का टिकट

ताजमहल प्रवेश के लिए हिंदुस्तानियों के लिए टिकट 245 रुपए है जबकि SAARC और BIMSTEC के आदमी के लिए 735 है और विदेशी पर्यटक के लिए 1250 है जबकि 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फ्री है

ताजमहल अभी कितने वर्ष का हुआ

बता दें ताजमहल का निर्माण 1653 ईस्वी में पूरा हुआ था इसी के साथ वर्तमान में यानी वर्ष 2023 में ताजमहल के निर्माण को लगभग 370 वर्ष हो गए हैं यह हिंदुस्तान की सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है और इसकी एक महान आर्किटेक्चरल शैली, सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है

ताजमहल का पूरा नाम

ताजमहल का पूरा नाम “दिवान-इ-खास-इ-ख़ुसरो” है यह मकबरा मुग़ल सम्राट शाहजहां की पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनाया गया थाइसे अंग्रेजी में “Taj Mahal” के नाम से भी जाना जाता है “ताज” का अर्थ है “ताजमहल” और “महल” का अर्थ है “मकबरा” या “महल” इसका अर्थ होता है “ताज का मकबरा” या “ताज का महल” यह हिंदुस्तान की प्रमुख धरोहर स्थलों में से एक है और विश्व की अद्भुततम आर्किटेक्चरल श्रृंगार के रूप में माना जाता है

ताजमहल स्टोरी

ताजमहल की कहानी एक प्रेम कथा है, जिसमें प्रेमी शाहजहां और मुमताज़ महल के प्यार की अद्भुत दास्तान है यह उन दिनों की कहानी है, जब मुग़ल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में इस बहुत बढ़िया समाधि मंदिर का निर्माण करवाया था कहते हैं कि मुमताज़ महल का वास्तविक नाम अर्जुमंद बानो था उन्हें शाहजहां के प्रेमिका और पत्नी बनते समय उसे मुमताज़ महल के नाम से बुलाया जाता था, जिसका अर्थ “ज़ीनत उल-मांसिह” होता है, जिसका मतलब होता है “दुनिया की अद्भुतता” इसी प्रेम के चलते उन्होंने ताजमहल के निर्माण की योजना बनाई थी ताजमहल का निर्माण पुरे खंदहर में काम हुआ था, जो अगरा के नदी यमुना के तट पर स्थित था इसके निर्माण में लगभग 20 हजार मज़दूरों और क़ारीगरों की भागीदारी थी ताजमहल का निर्माण लाल पत्थर, संगमरमर, याक़ूत संगमरमर और मकराना संगमरमर का इस्तेमाल करके हुआ था यह दृढ़ संरचना, अद्भुत नक्काशी और समर्थक समर्थन के लिए मशहूर है ताजमहल भारतीय संस्कृति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है और यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में यूनेस्को द्वारा विश्व स्तर पर स्वीकृत है इसके सुंदरता, रोमांचक इतिहास और प्रेम की कहानी ने इसे पूरे विश्व के पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थल बना दिया है

ताजमहल घूमने के लिए टिकट कैसे बुक करें

आपको बता दें ताजमहल की टिकट बुक करने के लिए सबसे पहले केंद्रीय संस्कृति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट asi.payumoney.com या www.asiagracircle.in पर जाएं यहां से आप टिकट बुक कर सकते हैं इसके बाद वेबसाइट के होमपेज पर आपको City और Monuments (स्मारक) का कर सकते हैं यहां आपको City में Agra और Monuments में उन जगहों का चयन करना है, जहां आप घूमना चाहते हैं यहां से आप टिकट बुक कर सकते हैं

ताजमहल कितने बजे खुलता है

ताजमहल सुबह से शाम तक खुला रहता है यह आम दिनचर्या में खुलता है, जिसका मतलब है कि आप सुबह 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक इसे देख सकते हैं ध्यान दें कि ताजमहल बुधवार से शुक्रवार तक खुलता है और शनिवार को सभी अन्य मकबरे अल्लोहिद्दीन आजम खान के मकबरे के लिए खुला रहता है

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