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Paush Amavasya 2024: इस दिन है साल की पहली अमावस्या

हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं साल 2024 की पहली अमावस्या, जिसे पौष अमावस्या भी बोला जाता है गुरुवार 11 जनवरी के दिन पड़ रही है

पौष अमावस्या का महत्व

पौष अमावस्या को छोटा श्राद्ध भी बोला जाता है इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है पितरों को तिल, गुड़, चावल, जल आदि इस दिन अर्पित करना चाहिए पितरों की आत्मा की शांति के लिए पौष अमावस्या के दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व है पवित्र नदी या सरोवर में इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं

व्रत रखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है

पौष अमावस्या के दिन व्रत रखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है जो आदमी इस दिन व्रत रखता है उसे सुबह शीघ्र उठकर स्नान करना चाहिए इसके बाद ईश्वर विष्णु की पूजा करनी चाहिए व्रत के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए शाम को पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने चाहिए

पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त कब है

पंचांग के मुताबिक पौष अमावस्या तिथि की आरंभ 10 जनवरी 2024 को रात 08 बजकर 10 मिनट से होगी और इसका समाप्ति 11 जनवरी 2024 को शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा पौष अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा को शांति और मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए पितरों को पिंडदान, जलदान, अन्नदान आदि करना चाहिए पौष अमावस्या के दिन पितरों के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए इस दिन पितरों के लिए दान-पुण्य करना चाहिए

ये नहीं करना चाहिए

पौष अमावस्या के दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिसे नहीं करना चाहिए या ऐसे काम करने से बचना चाहिए जैसे इस दिन मांस, मछली आदि तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए इस दिन झूठ, चोरी आदि बुरे कार्य नहीं करने चाहिए क्रोध, ईर्ष्या आदि नकारात्मक रेट नहीं रखना चाहिए

 

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