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Paush Purnima 2024: जानें पौष पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में…

पौष माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इस बार 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा मनाई जा रही है धार्मिक मान्यता के अनुसार पौष पूर्णिमा को व्रत, दान-पुण्य आदि का विशेष महत्व माना जाता है इस दिन किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान आदि कर दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और आदमी को मोक्ष प्राप्त होता है

पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के अतिरिक्त रात के समय चंद्र देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है इससे जातक को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है आइए जानते हैं पौष पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में…

पौष पूर्णिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की आरंभ 24 जनवरी 2024 की रात 09:24 मिनट से हुई है वहीं आज यानी की 25 जनवरी 2024 को रात 11:23 मिनट पर इस तिथि की समापन होगी उदयातिथि के अनुसार 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा मनाई जा रही है

शुभ मुहूर्त

पौष पूर्णिमा के मौके पर दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक अभिजीत मुहू्र्त का निर्माण हो रहा है इसके अतिरिक्त इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, पुनर्वसु नक्षत्र और गुरु पुष्य योग का अद्भुत संयोग बन रहा है धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना और दान-पुण्य का अधिक महत्व माना जाता है

चंद्रोदय का समय 

आज यानी की 25 जनवरी 2024 को शाम 05:29 मिनट पर चंद्रोदय होगा इस समय आप चंद्रदेव को अर्घ्य दे सकते हैं वहीं पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है इससे जातक के घर में धन-धान्य की कमी नहीं होगी और सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी

व्रत विधि

इस दिन किसी पवित्र नदी आदि में स्नान करें, यदि ऐसा संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और स्नान करने के पहले वरुण देव को प्रणाम करें

स्नान के बाद सूर्य देव के मंत्रों का जाप करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दें

फिर ईश्वर श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें ईश्वर विष्णु और मां लक्ष्मी को नैवेद्य अर्पित करें

फिर ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें

इन वस्तुओं का करें दान

पौष पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का अधिक महत्व माना जाता है इस दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को कंबल, ऊनी वस्त्र, तिल और कपड़े आदि दान करना चाहिए इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है

महत्व

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और द्रव्य पदार्थों का कारक माना जाता है वहीं पौष पूर्णिमा को चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होता है जिसका असर आदमी के मन और मस्तिष्क पर पड़ता है बता दें कि पौष पूर्णिमा के बाद हिंदी महीने माघ महाने की शुरूआत हो जाती है बता दें कि इस दिन से प्रयागराज के संगम तट पर माघ मेले की शुरूआत हो जाती है इस मेले में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु संगम तट में डुबकी लगाते हैं

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