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राजस्थान के बर्मेड़ में स्थित इस मंदिर में लोगों को रात भर रुकने की है मनाही

लाइफस्टाईल न्यूज डेस्क हिंदुस्तान में ऐसे कई किले हैं जहां रात में रुकना इंकार है ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि उन किलों को लेकर लोगों की भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ऐसी कई जगहें हैं जिन्हें लोग भुतहा मानते हैं और उन जगहों पर रात भर रुकना इंकार है हिंदुस्तान के राजस्थान में भी एक ऐसी स्थान है

राजस्थान के बर्मेड़ में स्थित किराडू मंदिर में भी लोगों को रात भर रुकने की मनाही है यह मंदिर अपने अंदर एक रहस्य छुपाए हुए है जिसके लिए यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है इस मंदिर के बारे में किंवदंती है कि जो भी इसमें रात को रुकता है वह पत्थर का बन जाता है क्षेत्रीय निवासियों का मानना ​​है कि इस मंदिर को एक ऋषि ने श्राप दिया था जिसके कारण यह माना जाता है कि जो भी इस मंदिर में रात के समय रुकता है वह पत्थर का बन जाता है

लोक मान्यता है कि सदियों पहले किराडू मंदिर में एक ऋषि अपने शिष्यों के साथ आए थे ऋषि अपने शिष्यों को ग्रामीणों की देखभाल में छोड़कर कुछ दिनों की तपस्या के लिए मंदिर से चले गए साधु को लगा कि उसके शिष्यों का उसी तरह ख्याल रखा जाएगा जैसे गांववाले उसका रखते हैं ऋषि की अनुपस्थिति में शिष्यों का स्वास्थ्य ख़राब हो गया लेकिन कोई भी ग्रामीण उनकी सहायता के लिए नहीं आया जब ऋषि अपनी तपस्या से लौटे तो उन्होंने अपने शिष्यों के स्वास्थ्य के बारे में पूछा साधु को उनके शिष्यों ने कहा कि लोगों ने उनकी सहायता नहीं की, इस पर साधु क्रोधित हो गए और बोला कि यहां के लोग पत्थर दिल हैं और आदमी बनने के लायक नहीं हैं, इसलिए उन्होंने सभी को पत्थर बनने का श्राप दे दिया जिसके बाद गांव के सभी लोगों पर पथराव कर दिया गया

पूरे गाँव में सिर्फ़ एक स्त्री थी जो साधु के शिष्यों की सहायता करती थी, इसलिए साधु ने उस स्त्री को गाँव छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहा साथ ही साधु ने स्त्री से बोला कि वह गांव से बाहर जाते समय पीछे मुड़कर न देखे, लेकिन बोला जाता है कि स्त्री को शक हुआ कि साधु की बात सच है या नहीं तभी उसने पीछे मुड़कर देखा जिससे वह भी पत्थर की बन गयी उस स्त्री की एक पत्थर की मूर्ति आज भी सिहानी गांव में पाई जाती है, जो किराडू मंदिर से अधिक दूर नहीं है, जिसके कारण इस मंदिर की कहानी सच मानी जाती है

किराडू मंदिर भले ही अपनी बुरी कहानियों के लिए प्रसिद्ध हो लेकिन इस मंदिर की कलाकृतियां सदियों पुरानी हैं किराडू ईश्वर शिव का मंदिर है और यहां 11वीं सदी के शिलालेख आज भी उपस्थित हैं किराडू मंदिर को मिनी खजुराहो भी बोला जाता है

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