लाइफ स्टाइल

इस गाँव के लोग बाढ़ के समय अपना घर छोड़कर चले जाते हैं दूर

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क राष्ट्र अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस इंकार रहा है प्रदेश को रोजाना वंदे हिंदुस्तान एक्सप्रेस मौजूद करायी जा रही है हर तरफ विकास की बात हो रही है इसके अलावा, समस्तीपुर के एक क्षेत्र में अभी भी नाव से यात्रा की जा रही है वो भी अपने दम पर यानी हाथ में चप्पू पकड़कर स्वयं ही यात्रा तय करते हैंनदी पार कल्याणपुर प्रखंड क्षेत्र के नामापुर पंचायत के लोगों का एकमात्र सहारा नाव ही है कहा जाता है कि बागमती नदी के उस पार समस्तीपुर जिले के सीमा क्षेत्र पर दरभंगा जिले की सीमा से सटा हुआ दरिया पार गांव है बोला जाता है कि यहां के लोगों के लिए नदी पार करना कठिन हो गया है जब तक लोग किसी काम के लिए नदी पार नहीं करते, उनका काम पूरा नहीं होता

नदी पार के गांव के लिए यही परेशानी है

कहा जाता है कि दरिया पार गांव नामापुर पंचायत का हिस्सा है जो बागमती नदी का दूसरा नामापुर पंचायत है दूसरी ओर, दरभंगा जिले में दरिया पार गांव है इस गांव की जनसंख्या 1000 से अधिक है इस गांव के लोगों को खासकर बारिश से लेकर बाढ़ तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन यहां के लोगों के लिए यह एक परेशानी बन गई है, जो दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है लोग यात्रा के लिए नावों का भी इस्तेमाल करते हैं

बाढ़ के समय लोग अपना घर छोड़कर दूर चले जाते हैं

ग्रामीणों का बोलना है कि नदी पार के गांव के लोग खासकर बाढ़ के दौरान अपने घर से दूर खाली जमीन पर अपना घर बनाते हैं लेकिन बाढ़ समाप्त होने के बाद लोग फिर से अपने घरों के करीब हैं यहां के लोगों का बोलना है कि जब तक इस गांव के लोग पूरे दिन नाव का सहारा नहीं लेते, ये लोग कोई काम नहीं करते हैं लोग आगे कहते हैं कि यदि इस बागमती नदी पर पुल बन जाये तो लोगों को काफी सुविधा होगी बोला जा रहा है कि इस पुल के बनने से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढी, जयनगर और नेपाल के बीच की दूरी भी कम हो जायेगी

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