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पत्तागोभी खाने से इंसानों के शरीर में पहुंच सकता है टेपवर्म, जानें

पत्तागोभी को सर्दियों में खूब खाया जाता है. इस सब्जी को घरों में खाने-पीने के अतिरिक्त जंक फूड्स में काफी इस्तेमाल किया जाता है. चाऊमीन, बर्गर समेत अनेक फास्ट फूड्स में कच्चा पत्तागोभी इस्तेमाल किया जाता है. वैसे तो इस सब्जी को खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन कई बार इसके जरिए टेपवर्म (Tapeworm) इंसानों के शरीर में पहुंच जाता है. टेपवर्म एक परजीवी कीड़ा होता है, जो इंसानों के शरीर में पहुंच सकता है. यह आंतों में लंबे समय तक रह सकता है और दिमाग तक पहुंच सकता है. टेपवर्म मिर्गी के दौरे की वजह भी बन सकता है. अब प्रश्न है कि क्या वाकई पत्तागोभी खाने से टेपवर्म इंसानों के शरीर में पहुंच सकता है? इस बारे में महत्वपूर्ण बातें डॉक्टर्स से जान लेते हैं.

नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डाक्टर नीरज कुमार के मुताबिक पत्तागोभी समेत खाने-पीने की कच्ची और गंदी चीजों को खाने से हमारे शरीर में टेपवर्म पहुंच सकता है. टेपवर्म लोगों की आंतों में रहता है, जबकि सिस्ट ब्लड के जरिए ब्रेन में पहुंच जाती है. इसकी वजह से लोगों को न्यूरोसिस्टेकिरॉसिस नामक परेशानी हो जाती है. केवल पत्तागोभी को इससे जोड़ना गलत है. खाने-पीने की कोई भी चीज इससे संक्रमित हो सकती है. यह आमतौर पर सुअर में पाया जाता है और उसके मल से मिट्टी में फैल जाता है. यह मिट्टी के जरिए सब्जियों और अन्य फूड्स में पहुंच सकता है. हालांकि जब पत्तागोभी या अन्य सब्जियों को अच्छी तरह साफ करके पकाया जाए, तो टेपवर्म मर जाता है और इसे खाने से लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं होता है.

क्या जानलेवा हो सकता है यह कीड़ा?

न्यूरोलॉजिस्ट की मानें तो टेपवर्म कई बार लोगों के शरीर और ब्रेन में पहुंचता है, लेकिन उन्हें इसका पता ही नहीं चलता है. धीरे-धीरे यह डिजनरेट होकर समाप्त हो जाता है या कैल्शियम बन जाता है. कई बार लोगों के ब्रेन मल्टीपल या 100-150 तक वर्म हो सकते हैं, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है और कोमा में जाने का खतरा होता है. इसकी वजह से सिरदर्द, मिर्गी के दौर पड़ने का खतरा होता है. इससे ब्रेन में स्वैलिंग आ सकती है और लोगों की कंडीशन सीरियस हो सकती है. हालांकि ब्रेन में सैकड़ों वर्म के मुद्दे काफी रेयर होते हैं. आमतौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है.

इस बारे में क्या कहते हैं न्यूरोसर्जन?

फरीदाबाद के सर्वोदय हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डाक्टर गौरव केसरी के मुताबिक टेपवर्म की सिस्ट ब्रेन में पहुंच जाती है. यदि इसका साइज अधिक बड़ा न हो और इससे आदमी को अधिक कठिनाई न हो रही है, तो इन मामलों में ब्रेन की सर्जरी को अवॉइड किया जाता है. ऐसी कंडीशन में दवाओं के जरिए टेपवर्म की सिस्ट को समाप्त किया जाता है, लेकिन इसका निशान रह जाता है. जिन रोगियों के ब्रेन में बड़े टेपवर्म हों या जिनकी कंडीशन गंभीर हो, उन मामलों में इसे सर्जरी के जरिए बाहर निकालते हैं. हालांकि अधिकांश मामलों में सर्जरी को अवॉइड करने की प्रयास की जाती है.

किस तरह साफ करें पत्तागोभी?

डॉक्टर्स की मानें तो पत्तागोभी को सबसे पहले अच्छी तरह धोकर साफ कर लेना चाहिए. फिर इसे अच्छी तरह पका लेना चाहिए. इसके बाद पत्तागोभी खाने से आपको टेपवर्म का खतरा नहीं रहेगा. इसे लेकर सोशल मीडिया पर अनेक तरह की बातें बताई जाती हैं, जिनमें अनेक बातें गलत होती हैं. लोगों को पत्तागोभी ही नहीं, बल्कि हर खाने-पीने की चीज को अच्छी तरह साफ करने के बाद पकाना चाहिए और उसका सेवन करना चाहिए. साथ ही बाहर के खाने को अवॉइड करना चाहिए, जिनमें गंदगी या संक्रमण का खतरा हो. इसके अतिरिक्त यदि किसी तरह की कठिनाई हो, तो चिकित्सक से कंसल्ट करना चाहिए.

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