राजाबाजार में मां दुर्गा की प्रतिमा विंध्यवासिनी मंदिर जैसे पूजा पंडाल में की जा रही स्थापित
जहानबाद: दशहरा पर्व को लेकर शहर के ठाकुरबाड़ी सहित विभिन्न स्थलों पर पूजा पंडालों का निर्माण आखिरी चरण में है। सभी पूजा स्थलों पर पंडालों में बांस- बल्ले और कपड़ा लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। इधर राजाबाजार में मां दुर्गा की प्रतिमा विंध्यवासिनी मंदिर जैसे पूजा पंडाल में स्थापित की जा रही है।
शहर में अब पूजा पंडालों और तोरण द्वार की सजावट की जा रही है। कहीं पूजा पंडाल और तोरण द्वार में मंदिर का लुक दिया गया है तो कहीं चंद्रयान जैसी संरचना बनायी गयी है। वहीं अरवल मोड़ पर पूजा पंडाल का लुक चंद्रयान की शक्ल में बनाया गया है, जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग के कपड़ों का इस्तेमाल किया गया है
तीन गुंबज चंद्रयान के रॉकेट के शक्ल में बनाये गये हैं जिसके आगे इसरो का लोगो लगाया गया है।गेट के दोनों ओर अशोक स्तंभ का चिह्न अंकित किया गया है। वहीं पाठक टोली में कपड़े का साधारण गेट बना कर उस पर कृत्रिम फूलों से सजावट की गयी है। जबकि, काको मोड़ पर मेटेलिक गेट के अतिरिक्त मुख्य मंदिर के आगे विभिन्न आर्टिफिशियल फूलों सेतोरणद्वार बनाये गये हैं।
ठाकुरबाड़ी में इस साल राम मंदिर के लुक में पूजा पंडाल बनाया जा रहा है, जिसमें मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है।
ऐसा लगता है कि मानो पूरा शहर पूजा पंडालों और तोरण द्वारों से पट गया हो। जगह-जगह झिलमिल एलइडी बल्ब से पूजा पंडालों और तोरण द्वारों की सजावट की जा रही है। पूजा पंडालों से लेकर तोरण द्वार के बीच आर्टिफिशियल फूलों की लरियां लगायी जा रही हैं।
वहीं, पंचमहल्ला मुहल्ले में तीन तल्ले पंडाल को झरोखे के शक्ल में बनाया गया है। जिसके द्वार पर मेटेलिक लूक है।
पंडाल में देवी की तीनों प्रतिमा तथा ईश्वर गणेश और कार्तिक की प्रतिमाओं की सजावट आखिरी चरण में है। इन मूर्तियों को कपड़े पहनाये जा रहे हैं तथा विभिन्न प्रकार के आभूषण से इन्हें अलंकृत किया जा रहा है।
पूरा जिला अब दशहरा पर्व के उल्लास में डूबता दिख रहा है। गुरुवार को नवरात्र के पांच दिन बीत चुके हैं। शनिवार को सातवें दिन देवी के पट खोले जाने हैं। इसके बाद श्रद्धालु मां दुर्गा सहित तीनों देवियों और ईश्वर गणेश और कार्तिक के दर्शन के लिए उमड़ पड़ेंगे।