इस दिन लगेगा 2023 का अंतिम चंद्र ग्रहण
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण लगने की घटना को खगोलीय घटनाओं में माना जाता है। जब भी सूर्य अथवा चंद्र ग्रहण लगता है तो सिर्फ़ यह वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी जरूरी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण हिंदुस्तान समेत विश्व के कई राष्ट्रों में भी नजर आने वाला है। हिंदुस्तान में यह पूर्ण रूप से दिखेगा। अतः हिंदुस्तान में इसका सूतक काल मान्य होगा।
दरअसल, पृथ्वी सूर्य के जब चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है तो इस दौरान एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी , चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है। इस दौरान तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं। इस वजह से पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है तथा चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती। इस घटना को पूर्ण चंद्र ग्रहण के नाम से जाना जाता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह चंद्र ग्रहण हिंदुस्तान के अतिरिक्त एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया के कई राष्ट्रों में देखा जा सकेगा।
कब लगेगा चंद्र ग्रहण?
अयोध्या के मशहूर ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण आनें वाले 29 अक्टूबर शुभ दिन रविवार को रात्रि 1:05 से 2:22 तक रहेगा या चंद्र ग्रहण हिंदुस्तान के साथ-साथ दुनिया के अनेक राष्ट्रों में भी दिखाई देगा। इतना ही नहीं चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पूर्व सूतक काल लगता है तो वहीं सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व सूतक काल माना जाता है। ग्रहण के दौरान तामसिक चीजों का त्याग करते हुए ईश्वर के मंत्रो में लीन रहना चाहिए।
क्या होता है सूतक काल ?
ज्योतिष गणना के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले प्रारम्भ होता है तो दूसरी तरफ सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारम्भ हो जाता है। सूर्य ग्रहण के सूतक काल की अवधि चंद्र ग्रहण से अधिक मानी जाती है। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करना इंकार ही होता है। सूतक काल में तामसिक भोजन और प्रवृत्ति से दूर रहना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान ध्यान कर कर भोजन करना चाहिए।