इस जगह के लोग अपनी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध बनाए रखने के लिए अपनी ही बहन-बेटियों से की थी शादी
समाज में कई परंपराएं (दुनिया भर में अजीब परंपराएं) हैं जो सदियों पुरानी हैं और आज भी उनका पालन किया जाता है। लेकिन कई परंपराएँ कई वर्ष पहले ही ख़त्म हो गईं क्योंकि वे इतनी अजीब थीं कि आज का समाज शायद उन्हें कभी नहीं अपनाएगा। प्राचीन मिस्र में ऐसी अजीब परंपरा थी, जहां पुरुष अपनी ही बहन (भाई-बहन की शादी) या बेटी (पिता-बेटी की शादी) से विवाह करते थे। यह परंपरा सुनने में जितनी अजीब लगती है, इसके पीछे की वजह उससे भी अधिक अजीब है। आइए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों था।
लाइव साइंस वेबसाइट के अनुसार, प्राचीन मिस्र (प्राचीन मिस्र शादी परंपराएं) में कई राजा और राजघराने थे, जिन्होंने अपने ही परिवार में शादी किया था। इनमें से प्रमुख रामेसेस द्वितीय नाम का राजा है जिसने अपनी ही बेटी से विवाह की और रानी क्लियोपेट्रा-7 जिसने अपने भाई से विवाह की। जब मिस्र पर रोमनों का शासन था, यानी 30 ईसा पूर्व से 395 ईस्वी तक, परिवार के भीतर शादी आम हो गया।
भाई-बहनों की विवाह मिस्र में हुई थी
मिस्र के राजा अक्सर एक से अधिक शादी करते थे। कई बार अन्तःप्रजनन के कारण अगली पीढ़ी में कई प्रकार की बीमारियाँ जन्म ले लेती हैं। ओसिरिस और आइसिस, मिस्र के दो प्रमुख देवी-देवता, मूल रूप से भाई-बहन थे, यहाँ तक कि उन्होंने एक-दूसरे से शादी भी किया था। इसके कारण आम लोग भी परिवार में शादी की परंपरा को सामान्य मानते थे। स्विट्जरलैंड में बेसल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सबाइन हुबनेर के अनुसार, प्री-रोमन भाई-बहन या पिता-बेटी की शादियां सिर्फ़ मिस्र के शाही परिवार में देखी जाती थीं, लेकिन जब रोमनों ने मिस्र पर विजय प्राप्त की तो यह आम हो गई। ऐसी शादियां आम हो गईं। ऐसा नागरिकों के बीच भी होने लगा। अब प्रश्न ये है कि ऐसी शादियां क्यों हुईं।
भाई-बहन की विवाह का यही मुख्य कारण था
हिस्ट्री स्किल्स वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शाही परिवार अपनी आने वाली पीढ़ी यानी अपने वंश को सही और शाही रखना चाहता था। इस कारण से, उन्होंने सिर्फ़ बहनों और बेटियों से विवाह की, ताकि अगले बच्चे का पूरा शाही खून हो और वह सिंहासन के लिए योग्य हो। दूसरा कारण यह था कि वे सत्ता के दावेदारों को ख़त्म करना चाहते थे। यदि उन्होंने अपने भाई या बहन से विवाह की होती तो उनके बीच सत्ता के लिए लड़ाई नहीं होती। राजा-रानियों की देखा-देखी कुछ आम लोग भी इसी तरह विवाह करने लगे। लेकिन आम लोगों के इस तरह विवाह करने का मुख्य कारण आर्थिक संतुलन था। यदि माता-पिता की सिर्फ़ एक ही बेटी होती, तो वे विवाह के बाद बेटी को दूर नहीं भेजना चाहते थे, ताकि बुढ़ापे में उसकी देखभाल के लिए कोई हो। इसी कारण माता-पिता बेटी की विवाह से कुछ समय पहले या बचपन में ही बेटों को गोद ले लेते थे। ऐसे में वह अपनी बेटी की विवाह किसी गोद लिए हुए बच्चे से करेंगे। यह बहुत ही आश्चर्यजनक घटना है।